Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 486
________________ ( ७३ ) १४ शब्द अर्थ सुन्व-रस्सी सुमा-पुत्रवधू सुसाण-श्मशान सुस्तिद (मा०)सुस्थित सुस्स् (धा०) सुहअ%सुन्दर सुहम बहुत छोटा सुहमहअ-सुखी सुहुम बहुत छोटा W X N or m ०७ is ० as ० is m पृष्ठाङ्क शब्द अर्थ पृष्ठाङ्क सेय्या (पालि)=बिछौना ५४,८७ सेर-विकसित ५८ ८४ सेव (धा०) २२६, २७१ ७१ सेव्वा सेवा १५६ सेसम्बाकी २५, ४५ सोंडीरबल ८६,८७ सोअ कान १६ सोअ (घा.) १८६ ८७, २२८ सोअमल्ल सुकुमारता २५५ सोगमल्ल, १६३, १६४ सोच् (धा०) १८६ २१० सोच्चा (सं० भू० कृ०) ६४, ३६८ ३२५ सोळ हा (वै०) सहन करनेवाला ११६ ७४ सोत्त=कान १८८ રૂછ્યું सोम (सं०) १२७ १३० सोमव सोमरस को पीने वाला १६० १५६ सोमवा= , सोमाल-सुकुमार ८३ २५, ४५ सोमित्ति लक्ष्मण-राम का भाई २४१ सोरद्वीअ २८१ १८ ६६ सोरहिअ २५६ २१३, २४३ सोरिअ-शूरता-वीरता ७४ २४० सोलस ३८० सोलह ३८० सोवइ (क्रि०)-सोता है ७४ सोवणिय २५६ ० १६० ० सूअर सूड् (धा०) सूरिअ सूरज सूर् (धा०) सूर्प (सं०) सूस (धा०) सूसासे उच्छवास सहित सूहव सुंदर सुहवो, सेज्जा=बिछौना . सेह सेहि सेन=सेना सेफ-श्लेष्म सेम्ह (पालि)=श्लेष्म ३१ १६४ ७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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