Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

Previous | Next

Page 506
________________ पृष्ठ अशुद्ध ४३ पपडिवज्ज् (घा० ) ४७ हड ४८ पुलिष (सं०) ५० बभचेर ५१ बृ ५२ बेसायाई ५२ बेसहस्सा इं ५२ बोल्ल् ५२ भग्नी (सं० ५२ भणिता ५२ भएय ५२ ५४ पीछ ५६ मिइग ५७ ५८ भागिनी=स्त्री मुइग रभस ५८ रम्भा ५६ लघण ५६ ६१ ६३ वावण रीयू ६२ गोलकार ६४ विशेष दासि ६५ वीसर ६७ सद ६७ सहि Jain Education International [ ६३ ] शुद्ध पडिवज्जू (धा० ) पिहड पुलुष (सं०) बभचेर बू (घा०) बेसाई बेसहरुसाई बोल्लू (घा०) भग्नी (सं०) भणिता (सं० ) भयए भागिनी (सं० ) = स्त्री पीछे मिइंग मुइंग रभस (पै०) रम्भा (स० ) लंघण =२२६ गोलाकार वावड विशेष दीप्ति वीसर् (धा० ) संद सहि For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 504 505 506 507 508