Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 505
________________ पृष्ठ अशुद्ध उम्बुरक= १० १३ कइ १३ कैंसा १४ बहुत में से १५. कर रूह १६ कर्षापण १७ किलमत १७ कूअ ५४ २२ गोलोची = गिलोई २७ जुगुच् = (धा०) २७ जुंज २७ जुत्तति २६ टमरुक (चू० पै०) =ड [ ६२ ] ३१ तओं ३३ तिरिया (पालि) ३५ दाढिका ३५ दिव+इति ३७ देवत ३६ नवफलिका ३६ नाली ४० निष्पुसण पोछना ४१ नोहलिया दर ४२ पखाल (घा० ) ४३ पट्टोल= वस्त्र ४३ डंसुआ Jain Education International शुद्ध उम्बुरक ( सं ) == कति कैसा बहुत में से कररुह कार्षापण किलमंत कूअ ( घा० ) ૪૫ गोलोची (पालि ) = गिलोई जुगुच्छ ( घा० ) जुं जुत्तंति टमरुक (चू० पै०)=डमरू तओ तिरिय (पालि ) दादिका (सं० ) = दिन + इति देवता नवफलिका (सं० ) = नाली (सं० ) = निष्पुंसण = पड़ना नोहलिया ....८३ पखाल् (वा० ) पट्टोल = एक प्रकार का वस्त्र, पडंसुआ For Private & Personal Use Only पटोला www.jainelibrary.org

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