Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 468
________________ ( ५५ ) पृष्ठाङ्क २६६ २८० २५६ शब्द अर्थ पृष्ठाङ्क शब्द अर्थ मणोज्ज-सुन्दर ६१ मर् (धा०) ३२५ मगोण्ण= , मरगय-मरकत नामक रत्न मणोसिला-एक प्रकार का धातु ८७ मरण मणोहर=मनोहर-सुन्दर ३१ मरहठ्ठ=महाराष्ट्र देश १६,८८, १२१, मतन (चू० तथा चू० पै०)-मदन २८० कामदेव ३५ मरहट्ठीय मत्ता मरिस् ( धा०) १४० मत्थय-मस्तक-माथा-सिर १८० मल (धा०) ३२५ मत्स ( सं० )-मछली-मच्छी १३२ मलिण=मलिन-मैला मथुर (चू० पै०)=मधुर मलीर मथ (धा०) मसाण ५७, ८४, ३२७ मधुर-मधुर ३८ मसान (पाली) मधुरा ( सं०) १२६ मसी (सं०) मनोरथ ( सं० )-मन का अर्थ- मस्कली दंड रखने वाला मन का विचार १३३ मस्सु = दाढी-मू छ मन्तु अपराध ७६ मस्तु (पाली), मन्नु %3D , ७६ मह ( स० ) तेज १२७ मन्न् (धा०) २५८ महग्ध २२७ मम्मण=ममणना-गुनगुनाना ७२ महड्डिय मयंक-चन्द्र २७, २२६ महन्त = मोटा-बड़ा मयगल-मदभर हाथी महन्द (शौ०), मय-मरा हुआ ४७, २१३ महप्पसाय २४२ मयण-मदन-कामदेव ३२, ३५ महरूमय २००, २११, २६६ मयरकेउ महातवस्सि २६७ मयूर=मोर महादोस २१० मय्य ( मा० )=मद्य महाभय २११ is m ur २२७ ६६ ६८ २७७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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