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शब्द
अर्थ
विहस्थि - बीता - बारह अंगुल
विहप्पइ = बृहस्पति विहर ( घा०
>
विहल = विफल
विहल= विहल
विहाण
विही-विधि
विहीण = विशेष हीन
विहु
विहूण = विशेष हीन
वीअदूसरा
वीयराग
वीयराय
वीरिअ=शक्ति वीरिय=
"3"
वीस = विश्व- समग्र
वीसर
वीसा = बीस - २० संख्या
का परिमाण ४७
७२
२२६, २७०
बुड्ढ वुडट = वृद्धि - बढ़ना
वुत्त=कहा हुआ
( ६५ )
पृष्ठाङ्क शब्द
वृत्तंत्त
वुन्द ( सं० ) = समूह
वुन्न ( अप० ) = विषाद पाया
हुआ
वृसी (सं० ) = ऋषि को बैठने
२२८
५३, ७२, ३६६
२६३
६१
२४
२६८
२४
वीसास = विश्वास
वीसुं = विष्वक्- सत्र ओर से
वीसोण= बीस कम
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५१
२०१
२०१
७४
१८८
१६६
१६७, २५६
८३, ६७,
३८०
२०
६७
६६
२८,७८, ११८, ३२७
२८, ७८,
दद
का आसन
वे अस= वेतस - बेंत का वृक्ष
= पत्र और फूल का बंधन
वेण्ट }
वेज = वैद्य
वेटि
वेडिस = बेंत का वृक्ष
डुबर्य रन
અર્થ
वेर= वैंर
वेरुलिय= वैदुर्य रत्न
वेलु = बाँस
वेलुग्गाम= बाँसों का गाँव
वेल्लि=लता
वेल्ली =
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पृष्ठाङ्क
३२७
११८
૪
वेट ( घा० )
१५८
वेणी (सं० ) = प्रवाह
१३३
१४४
वेण्ण= दो -२ संख्या वेणुग्गाम= बेलगाँव - बाँसों का गाँव ४६
वेतस = बेंत का वृक्ष
वेत्त = बेंत
वेय
८५
१३१
४७
२८, ७८
६६
३०७
४७
४७
२५७
१८६
३०, १८२
८४
४६
४६
१८
१८
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