Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas
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विज्जु
२६८
२६८
२३
२२८
शब्द अर्थ पृष्ठाङ्क शब्द अर्थ
पृष्ठाक ३२, ३१६ विप्परियास विज्जुए बिजली से
विमल
५३, २६६ विज्जुणा, ६० विम्हय-विस्मय
६४, १२ विज्जुला
विय्याहल (मा० ) विद्याधर नाम विज्ञ् (धा०) १५४, २७१
की जाति ६६ विज्झाइ ( क्रि०) विशेष दाप्ति
विराअ ( धा०)
२४४ करता है ७६ विराग विज्झ ( धा०)
१५६ विराज् (धा०) विहि
३२७ विलया स्त्री विडवि
२५४ विलिअ-असत्य विड्डा-शरम-लज्जा
८१ विलिअ-लज्जित विणस्स् (धा०)
विविह
२१३
विसइ ( क्रि०) प्रवेश करता है ४३ विण्णव (धा०)
विसंठुल-अव्यवस्थित विण्णाण
६८, २२७ विसढ=सम नहीं-विषम विणि दो संख्या
विसण्ण खेद पाया हुआ
६३, २४० विसम-विषम वित्त
२५७ विसमइअ-विषमय-जहरिला विदस्थि ( पालि )-बीता-बारह विसमायव-विषम आतप
अंगुल का परिमाण ४७ विसीअ( धा०) विद्दाअ-विनष्ट
विसेस विशेष विद्धवृद्ध-बूढा ७८ विस् (धा०)
३२० विना
१८४ विस्नु ( मा० ) विष्णु विप्पजह (धा०)
२८६ विस्मय ( मा० )-विस्मय विपजहाय
३६८ विहड् ( धा०)
२६० १८४
विणा
३२५
७७
१४४
विण्हु
६४
२७
०००
rw U
२८३
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