Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas
________________
१३८
( ६० ) शब्द अर्थ पृष्ठाङ्क शब्द अर्थ पृष्ठाङ्क ल-कश=( मा० )-राक्षस ६३ लावू-लौकी
१२६ लक्ख २६६, ३८४ लाह
२०६ लक्खण लक्षण
६२, १८८ लाहल=विशेष प्रकार का म्लेच्छ ५३ लग्ग लगा हुआ
५८ लाहालाहा-लाभ और अलाभ १०२ लघुक
८८ लिंब-नीम का पेड़ लघुवी
७४, ११७ लिच्छइ=( क्रि० )-लाभ पाना लङ्गल
चाहता है लच्छणलक्षण
१८८ लिच्छा लाभ पाने की इच्छा ६५ लटिलाठी ५१, ६८ लिप्प ( धा० )
२७१ लण्हलघु-बहुत छोटा
लिवि=लिपि-अक्षर १२६ लम् = ( धा०) २८६ लिह=(धा०)
१५६ लवण-नमक-नोन-नून
लुक्क बीमार
५२, ७५ लविभबोला हुआ
लुग्गबीमार
७५ लव्=( धा०)
१४६ लुण् (धा०) लहु
लुअलालची-लंपट लहुअ छोटा ८८, २५८ लुट् (धा०)
१४६ लहुवी-छोटी
२६६ लहे ( क्रि० )=पाया जाय २६८ लूफिड ( सं० )=विशेष नाम १२७ लह (धा०)
लेहसालिम
२६८ लाऊ=लौकी १६, ३१७ लेहा
३२८ लाक्षा (सं०)
लोअ ३३, ६२, ११६, २१० लाखा ( पालि० )=लाख ६४ लोग
४४, २१० लाञ्छन= लांछन-चिह्न, कलंक १३३ लोडअलालची-लंपट लाभ
२०६ लोण नमक-नून-नोन ८३ लायण्ण लावण्य ३७, ११६, १८७ लोणीअ मक्खन लावण्ण%3D ,
१८७ लोम ( सं० ) रोम
१५६
।
__Jain.Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508