Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 464
________________ शब्द बारस बारह = गणनात्मक - संख्या विशेष चावण्णा बावत्तरि बावीसा बासहि बासत्तरि बासी बाह=आंसू बाहा बाहि= बाहर बाहिरं= -बालअ=बालक बालिश (सं० ) = मूर्ख बालो वरज्झइ = बालक अपराध करता है अर्थ "" बाहु चाह (वा० ) बिइय= बिईय बिइअ = दूसरा चिइज्ज-बीजा- दूसरा " "" बिईया = दूसरी चिउण = द्विगुण - दुगुना बिंदु=बिंदु-बिंदी Jain Education International ( ५१ ) पृष्ठाङ्क ३८० ४८, ३८० ३५ १२८ ૫ ३८२ ३८२ ३८० ३८२ ३८२ ३८३ ८१ ३१४ ८४ ८४ २४१ १५६ २२, ६२ ५१, २८२ २८२ ५६ शब्द अर्थ पृष्ठाङ्क बिन्दु = दी ६० बिब्भल = विह्वल - व्याकुल ७२, ११५ विभीतक ( सं० ) = बहेड़ा का फल या वृक्ष बिलाल (सं० ) = बिलाव - बिल्ली १२८ ४७ बिसहि ३८२ बिसिनी = कमल की लता बिहत्तर बिहफ इ = बृहस्पति-बीफे २७, ७२ बीअ = बीज २४७ बीअ=दूसरा ६३ बीलिअ २२८ बीहू ( धा० ) १५८ बुंध = वृक्ष के नीचे का भाग- थड ८७ बुझा ६६८ बुद्ध बुह बुहप्पइ=बृहस्पति बुहप्फइ= 39 बुहरुपदि ( मा० ) = बू १७५, २०१, २४३ १७५ ७१, ७२ २८, ६४, ७२ ६४ ५०. ३८२ " आला बेआलिसा बेइल्ल बेल की लता - मोगरे की For Private & Personal Use Only १५० ३८१ ३८१ १०३ लता ८१, ८३ २२, ५६ बेलगाँव = वेणुग्राम- जहाँ बाँस अधिक २४० होते हैं वह गाँव ४६ www.jainelibrary.org

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