Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 460
________________ ३६८ مه له पीणया < mmmM पिढर= . ( ४७ ) হা अर्थ पृष्ठांक शब्द अर्थ पृष्ठांक पिच्छिल-चिकना ६५ पिहा स्पृहा ११३ पिच्छी-पृथ्वी ५५, ३१७ पिहाय पिज्ज (धा०) पिहेइ (क्रि.) १६५ पिट्ट (धा०) पीअल पीला ४७ पिठं=पीठ पड् 'धा०) २५६ ३५७ पिठनो-पीछे से पिटिठ पीठ १२६ पीथी (सं०) घोड़ा २७ पिट्ठी पीठ ર૧૪ पीलु पील् (धा०) રક્ષણ पिठर-थाली पीवल-पीला ४६, ५२ पितुच्छा=पिता की बहिन-बूआ ८४ पुंछ-पूछ, दुम पुंनाम नागकेसर का वृक्ष ४५ १८१ पि, जुदा-अलग पुक्कस मनुष्य की एक पिछड़ी ४८ हुई जाति पिब् (धा०) १८६ पुङ्खबाण का पुंख १३३ पिय-प्रिय ६१,२०१, पुच्छ (सं० तथा प्रा०)-पूंछ ८७, १३४, पियाल-रायण का वृक्ष १८२, २६६ पिलुट्ठ जला हुआ पुच्छह (क्रि०) पिलोस जलना पुच्छा पिश्चिल ( मा० )चिकना ६५ पच्छ (धा०) १४०, २२६ पिसाअ-पिशाच पुज्ज् (धा०) १५६ पिसाई पिशाची । पुञ्ज (मा० पै०)=पुण्य पिसाजी ,, ४५ पुकम्म (मा० पै०)=पुण्य कर्म ६६ पिसल्ल=पिशाच पुञआह (मा० पै०)-पुण्य दिवस ६६ पिसुण ( धा०) ३२४ . पुट-पुष्ट ६८ पिह-जुदा जुदा-अलग ४८, ६७ पुट्ठ-पुछा हुआ १८८ हड-थाली ४६, ५२ पुठ्ठय पूठा अथवा पीठ ३२७ पित्त १३५ १३२ ७३ WWWW Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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