Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 436
________________ शब्द घोडअ घोस= घोष - आवाज अर्थ च=और चइत्त=चैत्र मास चइत्त = चैत्य -धर्मवीर और कर्मवीर चइत्ता चउ चउआला चउग्गुण=चौगुना चउचत्तालिसा चउट्ठ=चौथा चउणवइ चउत्तीसा की चिता पर बना स्मारक ५८ ३६८ ३७६ ३८१ ८२ ३८१ ७७ ३८३ ३८१ चउत्थ = चौथा ७७, ८१, २४३, २८२ १०३ चउत्थी चउदस-चौदह ८२, ३८० च उद्दह चउपण्णासा चउरंस चिउरासीह चवीसा ( २३ ) पृष्ठांक शब्द २८० Jain Education International ४३ ५६, १.६ ३० च उव्वट्टय चउव्वार = चार बार चार दफे चट्ठि चउसत्तरि चंचु चंड चंद चंद्र अर्थ चंडालिय } = चंदा ६१, ६२, ६८, १७५ चंदण चंदिआ चंद्रिका चक्क = चक्र - गाड़ी का पहिया चक्कट्ट चक्काअ = चक्रवाक पक्षी चड् ( धा० ) चतुरंत=चार अंत-चार छोर चतुत्थ चत्तारि साइं चत्तारि सहस्साइं ३८० ३८२ २६४ ३८३ ३८० चन्द (सं० ) - चंद्र २६३ चन्दिमा = चंद्रिका ८२ चन्दिर (सं० ) ३८२ चमर=चामर For Private & Personal Use Only पृष्ठांक ३८३ ३१६ चत्ताला चत्तालिसा २५७ २२७ चक्खु २४१ चच्चर ( चू० पै० ) = जर्जर - जीर्ण ३५ चच्चर = चौक १८१ ३१५ ३१५ पूह २६७ & ३५, ६४ ३२६ १२ २४३ ३८४ ३८४ ३८१ ३८१ ६२, १३५ ४४, ३१५ १३५ २० www.jainelibrary.org

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