Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas
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पंचम
शब्द अर्थ पृष्ठांक शब्द अर्थ पृष्ठांक पउह-हाथ का पहुँचा-कलाई और पक्खलइ ( क्रि० )-वह स्वलित केहुनी के बीच का भाग ४४
होता है ६४ पउत
६८४ पक्खाल (धा०) २८३, ३२५ पउम-पद्म-कमल
पक्खि
२४१ पउर-प्रचुर-अधिक ३१ पङ्क=पंक-कादव
ह८ पंक=पंक-कादव, कांदो १८ पगरक्ख
२५६ पंगुरणप्रावरण-वस्त्र
८२ पच्च-पकाने योग्य पंच
३७६ पच्चप्पिण (धा०) पंचणवह
३८३ पच्चय-विश्वास २८२ पच्चूस-प्रातःकाल
५४ पंचमी-पांचवीं १०३ पच्चूह% ,
५४, ६४ पंचावण्णा ३८२ पच्छ-पथ्य
६५, २२८ पंचासीह ३८३ पच्छा-पीछे
६५, २२८ पंजर
पच्छिम-पश्चिम-अंतिम ६५ पंजल-सरल
पजान ( पालि )-विशेष ज्ञान । पंडिअ
१८८
पज्जत-पर्यंत २६६
पज्जत्त-पूरा पंति
पज्जर् (घा.)
३२४ पंथ=पंथ-रास्ता ६८, १२६
पज्जा-प्रज्ञा-बुद्धि पंथव (चू० पै०)बांधव
पज्जुण्ण-प्रद्युम्न-कृष्ण का पुत्र भाई ३५, ३८
६६, २२६ यं सुपरशु-फरसा-फरसी
पझीण-प्रक्षीण-विशेष क्षीण ६७ पंसु-धूल ६८ पञ्जर
१८७ पक्क पका हुआ १८, ५८ पञल ( मा० ) सरल-निष्कपट ६६ पक्ख
२४२ पआ ( मा० तथा पै० ) प्रज्ञापक्खंदे-गिरे-प्रवेश करे
२४२ ६६
पंत
८७
६६
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