Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas
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शब्द
छाल= बकरा
छाली = बकरी
छाव = बच्चा
छासहि
छासीइ
अर्थ
छाहिल
छाही वृक्ष की छाया
छिंदू (वा० )
छिक=छुआ हुआ छिदय-छिद्र छड़ी-छेद
छिरा=नस
छिहा = स्पृहा
छिहावंत = स्पृहा वाला
छीअलक
छीर=क्षीर
छुच्छ = तुच्छ
छुत्त-छुआ हुआ
छुरी=कुरी
छेत्त = क्षेत्र
छोल्लू ( वा० )
छुहा=भूख
छुहा= सुधा-चूना
छूट = चिप्स - फेंका हुआ
छेअ
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( २६ )
पृष्ठांक शब्द
४५
૪૫
५३
३८२
३८३
१५८, १६६, २८६
८३
२६४
५ २
७६
२५,६४, १८८
१८८
८३
૫૪
७६ जंपू ( धा० )
जंबु
४६
८३
१३३
८३, ३१३
૪
८२, ८३
२६३
१८८
३२४
अर्थ
ज=जो
जहमा - जइ + इमा=जो यह
जइस (अप०) = जैसा
जइहं - जइ + अहं = जो मैं
जउ
এ
पृष्ठांक
२४१
जउँणा-यमुना नदी
५१
जउणाणयण= यमुना का आनयन ६४ = जो, कारण यह है कि ६७, २५८ जंति = यत्+इति=जो इस प्रकार जंपि=यद् + अपि =जो भी
६६
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१६६
६५
$3
ट्यू
પૂ.
जक्ख= यक्ष
जग्ग् ( धा० )
जज्ज=जय्य-1 - जितने योग्य - जय पाने
१६५
३२४
२५४
६३
१६६
योग्य
जज्जर = जर्जर - जीर्ण
जडिल = जटा वाला
जडालु - :
जटर- जठर
जणवअं = जनपद - देश
३४
ज०हु = जह्नु नाम का क्षत्रिय ७०, २५३
६६
३५
४५.
२६४
५२
जरथ = यत्र - जहाँ - जिधर
६५, १६३
जदस्थि= यद् + अस्ति यदस्ति = जो है ६६
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