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वाक्य (हिन्दी में) बादल मार्ग को सींचते हैं। इन्द्र बुद्धदेव को नमस्कार करता है । बुद्धिमान् पुरुष बालक को पूछता है । आँख से चन्द्र को देखता हूँ। कान से समुद्र को सुनता हूँ। बालक के हाथ में चन्द्र है। कलह को छिन्न कर ( मिटा) दो। सूर्य तपता है। राजा मार्ग को जानता है। सिद्धों को नमस्कार करो। मजदूर लोग मार्ग पर दौड़ते हैं। हम समुद्र में चन्द्र को देखते हैं । बालक उपाध्याय को पूछते हैं । राजा के चरणों में पड़ता हूँ। वीतराग देव ! नमस्कार करता हूँ। दो बालक बोलते हैं। समुद्र गरजते हैं। राजा सुशोभित होता है।
वाक्य (प्राकृत में) नमो अरिहन्ताणं । भारवहो हरं वंदइ।
महावीरो जिणो झाअइ । १. णमो' अथवा 'नमो' के साथ प्रयुक्त शब्द षष्ठी विभक्ति में आते हैं।
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