Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 426
________________ ५१ १८२ १६२ शब्द अर्थ पष्ठांक शब्द अर्थ पृष्ठांक ओझर निर्भर-पर्वत से कहअव=कितना पानी का झरण २३, ३८ कइम-कितनावाँ १७, १६६ ओझाय=उपाध्याय-ओझा ८३ कहलास-कैलास ओज्झायो= , १६५ कहवाह-कितना कइस=(अप०) कैसा ओह ओष्ठ-होठ कउरव कौरव ओतरइ ( क्रि०) १६२ कउह=बैल के कंधे का कुब्बड़ ४६ ओप्पिअ ओप किया हुआ कउहा=दिशा ८३, ३१३ चमकदार किया हुआ १६ कंकण-कंगन-हाथ का आभूषण ६२ ओप्पेइ ( क्रि०) १६ कंकोड-कंकोडा (शाक) ८७ ओप्प् ( धा०) २५६ कंचुअकोट जैसा पहिरने का वस्त्र,कंचुक, ओमल्लं __अचकन अथवा चोली ६७,६८ ओम्वाल ( धा०) ३२५ कंजिय २८१ ओल्ल=ओला-गिला कंटअ-कंटक १८ ओसद ओसड-औषध २२६ ओसरइ ( क्रि०) कंटयरक्ख २५७ ओसह औषध कंठ-कंठ-गला ६२,६८ ओहड अपहृत कंड-काण्ड-वृक्ष की शाखा ९८ ओहय= , ४७ कंडुया कंडु-खुजली २६ ओहल=ओखली-गु० खाँडणी ८२ कंतप्प (पै०, चू० पै०)-कंदर्पओहसित=उपहास किया हुआ ११८ कामदेव ओहि अवधि-मर्यादा ८३ कंति ३१६ कंद कंद-मूल ५७, ३२७ कंदप्प-कामदेव कइ (चू० पै०) गति ३६ कंगकंपन, कांपना ६८ कह कवि ६२ कंबल कम्बल २५७ ४६ कंग १६२ ४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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