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उन्होंने हाथ से पिंजरा फेंक दिया। किस को आँखें नहीं हैं ? पक्षी पिंजरे में कांपा और हिला ( सरका )। सेठ ने राजा को और राजा ने गणपति को नमस्कार किया। तुम पानी पीना चाहते हो? मुनियों का पति महावोर राजगृह में बिहार किया।
वाक्य (प्राकृत ) मुणिणो सया जागरंति, अमुणिणो सया सुत्ता संति । 'घयं पिबामि' त्ति साहुस्स णो भवइ । पक्खीसु वा उत्तमे गुरुले विराजइ । मच्चू नरं णेइ हु अंतकाले। गहवइ मुणिणो बुद्धं दिज्ज । भूवइ, घरवइ य दोवि गुरुं वंदंति । महरिसी ! तं पूजयामु । न मुणो रण्णवासेण किंतु णाणेण मुणी होइ । नमो भूमिवइ कयावि न चडालियं कासी । भिक्खू धम्म आइक्खेज्जा । लोहेण जंतुणो दुक्खाणि जायंति । सिसुणो किं किं न छिदिरे ? जहा सयंभू उदहीण सेटे इसीण सेढे तह वद्धमाणे । एगे भिक्खुणो उदगेण मोक्खं पवयंति । सउणी पंजरंसि उड्डेइ । ते उवासगा भिक्खं निमंतयंति ।
१. 'भवई' अर्थात् योग्य होता है ।
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