Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas
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दह, दस (दशन् ) दत
=
( ३६४ )
1
एआरह, एगारह, एारस ( एकादश ) दुवांसल, बारस, बारह ( द्वादश) = बारह, तेरस, तेरह (त्रयोदश) = तेरह, त्रयोदश
चोट्स, चोद्दह, चउदस, चउद्दह ( चतुर्दश) = चौदह, चतुर्दश परस, परासरह (पञ्चदश) = पन्द्रह, पञ्चदश सोलस, सोलह ( षोडश) = षोडश, सोलह
सत्तरस, सत्तरह (सप्तदश) = सत्रह सप्तदश
अट्ठारस, अट्ठारह (अष्टादश) = अठारह, अष्टादश ।
'कइ' ( कति = कितना ) शब्द के रूप
कई, करणो इत्यादि
प्र० - द्वि च० तथा ष० – कइरह, कइहं
-
शेष रूप 'रिसि' के बहुवचन की भाँति होते हैं । नीचे बताये गये शब्दों में आकारान्त शब्द के रूप 'माला' की भाँति और इकारान्त शब्द के रूप 'बुद्धि' की भाँति होते हैं ।
वीसा ( एकोनविंशति ) वीसा ( विंशति) = बीस ।
1
एकादश, ग्यारह
द्वादश
उन्नीस ।
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इक्क बोसा, एक्कवीसा } (एकविंशति) = इक्कीस (एक-बीस) ।
बावीसा ( द्वाविंशति) = बाईस ( बावीस ) ।
तेवीसा ( त्रयोविंशति) = तेइस (वीस ) | चउवीसा } (चतुर्विंशति) ===चौबीस । चोवीसा
पणवीसा (पञ्चविंशति) = पच्चीस ।
छवीसा ( षड्विंशति) = छब्बीस |
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