Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 421
________________ शब्द अर्थ आययू ( धा० ) आयंस- आदर्श-दर्पण आयरिअ=आचार्य . आयरिय आयरिस=आदर्श आया=आत्मा आयाय आरद्ध=आरब्ध आरिय आरिस आरोव ( घा० ) आलक्खिम ( क्रि० ) = देखते हैं जानते हैं आलिद्ध = आश्लिष्ट आलोह ( धा० ) आवज = आतोद्य - बाजा ૭૪ २०, ७३ १७५, २६२ ७४ हुआ ( ८ ) पृष्ठांक शब्द २८३ आसिसा वाला आवत्तमाण= आवर्तन करता Jain Education International आवत्तअ=आवर्तक- आवर्तन करने ३६८ ८३ आक्सर ( क्रि० ) आविय् ( वा० > आवेड = मस्तक का आभूषण भास आसत्त आवार = वेग से जलदृष्टि २१, २२५ ३५६ ३२५ २६० ३१, ४७ ६३ ७६ ६७ ५५ १६५ १८६ ૫૦ २८० २०१ . ३२३ आहच्च आहटूड आहड=आहृत आहय = " आहार आहियाइ=शत्रु इआणि=अभी इआणि= इ= अपि-भी इअ = इति - इस प्रकार, सूचक इद्द इओ 33 अर्थ इ इंगिअण्णु = इङ्गितज्ञ इंद =चिन्ह-चिह्न इक-एक इकचत्तालिसा इकतीसा For Private & Personal Use Only इंगार= अंगार इंगाल = अंगार इंगिअ = इङ्गितज्ञ - संकेत को जानने वाला पृष्ठांक ३१४ ३६८, ३६२ ३६८ ४७ ४७ समाप्ति २४२ १७ १६५ २१, २१२ ८३, ६७ ६७ २१२ ३६२ १८ ५२ ६१ ६१ १७५ ५६ ८१, १६६, ३७६ ३८१ ३८१ www.jainelibrary.org

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