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( ३८५ )
जब उपर्युक्त संख्यावाचक शब्द 'बोस' अथवा 'पचास' ऐसे अपनी-अपनी मात्र एकसंख्या सूचित करते हों तो वे एकवचन में प्रयुक्त होते हैं और जब 'बहुत बीस', 'बहुत पचास'; इस प्रकार अपनी अनेकता बताते हों तब बहुवचन में आते हैं ।
वाक्य (हिन्दी)
उस आचार्य के छप्पन शिष्य हैं लेकिन उनमें एक अथवा दो हो अच्छे हैं ।
चन्द्र सोलह कलाओं से शोभित होता है ।
प्राचीन काल में पुरुष बहत्तर कलाएँ और स्त्री चौसठ कलाएँ
सोखती थीं ।
उसने गुरु से पन्द्रह प्रश्न पूछे ।
तुमने अठत्तर ब्राह्मणों को धन दिया ।
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आजकल श्रावक और साधु बारह अङ्गों को पढ़ते हैं ।
ब्राह्मणों से चौदह विद्याएँ सीखी जाती हैं ।
महीने में तोस दिन होते हैं ।
पाँच मनुष्यों में (पञ्चों में ) परमेश्वर बास करता है । मैंने निन्यानबे मुनियों को वन्दन किया ।
वाक्य ( प्राकृत )
पंचराहं वयाणं पढमं वयं ( व्रतम् ) पसंसिज्जइ । चत्तारो कसाया दुक्खाई देंति ।
दस बाला निसाए पढति ।
वत्थाई निक्खारंति ।
बारह इत्थी अट्ठारस जणा छत्तोसाहितो चोरहितो न बीहेंति । घणस्स कोडीए वि न सन्तोसो होइ ।
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