Book Title: Prakritmargopadeshika
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Motilal Banarasidas

Previous | Next

Page 416
________________ शब्द अट्ठावन्ना अट्ठावीसा अट्ठासीइ अडि=अस्थि-हड्डी अड= कुंआ-कूप अडणवइ अडतीसा अडयाला अडवन्ना अडवीसा अडसहि अडहत्तरि . अड्ढ = श्रर्ध-आधा अड्ढाइअ अड्ढाइज्ज अडदीय अण अनंतरं अर्थ अणवज्ज अणाइअ 79 अणिट्ठ = अनिष्ट- अप्रिय अणु अणागम अणारिय अणिजंतय देखो 'अइमुत्तय' अणिउँतय Jain Education International ( ३ ) पृष्ठांक ३८२ ३८९ ३८३ ७७, २४१ ५५ ३८४ ६८१ ३८१ ३८२ ३८१ ३८२ ३८३ ७८, २८२ २८२ २८२ २८२ ३६२ ३६२ २१२ २०२ २६८ २१३ ४७ ५० ६८ १६२ शब्द अर्थ अणुकरइ ( क्रिया० ) अणुजाइ अणुज अणुतप् अणुभ "" अणुरूव= रूपानुसार अणुसास् (वा० ) अगछंदा = अनेक छंद युक्त अण्ण अण्णमण्णं "" "" "" अण्णयर अण्णया अण्णहा अण्ह अतसी = अलसी - तीसी अति For Private & Personal Use Only अतिगच्छति ( क्रिया० ) अतीव अतो अत्तमाण = आवर्तन करता हुआ अत्ता=आत्मा अत्ताणो= आत्माएँ अत्थं अत्थ=अर्थ-धन अत्थवई=अर्थपति-धनपति अस्थि- अस्ति- है पृष्ठांक १६२ १६२ २६६ २१४ २२६ १०१ २५६ ६६ १६८ ३६२ १६६ ३५७ ३६२ ३२५ ४७ १६४ १६४ ३६२ ३६२ ५५, ७६ ७६ २८३, ३६२ ७७, २११ ७१ ७० www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508