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भोच्छ ( भोक्ष्य ) = भोजन करना, भोगना । वोच्छ ( वक्ष्य ) = कहना, बोलना । वेच्छ ( वेत्स्य ) = जानना, अनुभव करना । भेच्छ ( भेत्स्य ) = भेदना, टुकड़ा करना । छेच्छ ( छेत्स्य ) = छेदना | दच्छ ( द्रक्ष्य ) = देखना ।
गच्छ ( गंस्य ) = जाना, प्राप्त करना ।
केवल उपर्युक्त दस धातुओं में 'हि' आदि हिमो, हिम, हिइ आदि ) प्रत्यय लगाने से पूर्व उनके विकल्प से लुप्त हो जाता है । जैसे
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सोच्छ + हिमि = सोच्छिमि सोच्छेमि, सोच्छिहिमि, सोच्छे हिमि
आदि ।
इन दस धातुओं के प्रथम पुरुष एकवचन में अनुस्वार वाला एक रूप अधिक होता है । जैसे
सोच्छं, वेच्छं दच्छं ।
सोच्छिस्सं वेच्छिस्सं दच्छिस्सं आदि ।
शेष सबकी साधनिका 'भण' धातु के समान है ।
'सोच्छ' का रूप ( उदाहरण )
प्र० पु०
सोच्छं
सोच्छिस्सं
सोच्छे सं
म० पृ० सोच्छिसि
सोच्छि
केवल एकवचन में
सोच्छिमि
सोच्छेमि
सोच्छिहिमि
सोच्छे हिम
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सोच्छेसि
सोच्छे से
सोच्छिस्सामि
सोच्छे सामि
सोच्छिहामि
सोच्छेहामि
सोच्छ हिसि सोच्छिहिसे
(हिमि, हिसि, आदि का 'हि
सोच्छे हिसि
सोच्छे हि
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