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जाता है।
( १६४ ) अधि (अधि )-अधिक । अधि + गच्छति = अधिगच्छद =
प्राप्त करता है, जानता है, ऊपर अहि , ,
अधि+ गमो-अहिगमो= अधि
गम, ज्ञान। 'सु (सु)-श्रेष्ठ सु + भासए = अच्छा बोलता है।
सू + हवो सूहवो भाग्यवान । उ (उत् )-ऊँचा उ + गच्छते = उग्गच्छते-ऊँचा ।
जाता है, ऊगता है। अइ (अति)-अतिशय,हदसे बाहर, अइ + सेइ = अइसेइ = अतिशय
. अमर्यादित करता है, अति प्रशंसा करता है । अति , ,
'अइ + गच्छति = अतिगच्छति =
हद से बाहर जाता है। णि ( नि )-निरन्तर, नीचे णि + पडइ = णिपडइ = निरन्तर
गिरता है, नीचे गिरता है। नि . , ,
नि+ पडइ = निपडइ = नीचे
गिरता है, निरन्तर गिरता है। पडि (प्रति)-सामने, समान, पडि + भासए = पडिभासए-सामने
विपरीत बोलता है। पति , . ,
पति + ठाइ=पतिठाइ-पतिष्ठित होता है। परि + ट्ठा = परिट्ठा= प्रतिष्ठा। पडि + मा पडिमा समान आकृति।
पडि + कूलं = पडिकूलं = प्रतिकूल । १. 'परि' यह 'पडि' का ही एक भिन्न उच्चारण है। 'र' और 'ड' का-उच्चारण स्थान भी समान ही है । देखिए,पृ० ५२ नि० १६ 'र' को 'ड'।
परि
,
"
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