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समास'
समास का अर्थ है संक्षेप याने थोड़े शब्दों में अधिक अर्थ बतानेवाली शैली का नाम समास है । जिसमें लिखना और बोलना कम पड़ता है फिर भी विशेष अर्थ समझने में किसी प्रकार की कोई न्यूनता न रहे ऐसी शैली को खोज में समास शैली की शोध हुई । इस शोध का विकास पण्डितों की शैली में विशेष रूप से हुआ । बोलचाल की लोकभाषा में इस शैली का प्रचार बहुत कम दिखाई देता है । परन्तु जब लोकभाषा केवल साहित्य की भी भाषा बन जाती है तब उसमें भी इसका प्रयोग प्रचुर मात्रा मे होता है ।
'न्याय का अधीश' कहना हो तो समास विहीन शैली में 'नायस्स अधीसो' कहा जाएगा । जब कि समासशैली में 'नायाधीसो' कहा जाएगा अर्थात् जिस अर्थ को बताने के लिए समास विहीन शैली में छः अक्षरों की आवश्यकता पड़ती है उसी अर्थ को बताने के लिए समासशैली में केवल चार अक्षरों से ही काम चल जाता है ।
कहना हो तो देसो" इतना
इसी प्रकार "जिस देश में बहुत से वीर हैं वह देश " समास विहीन शैली में " जम्मि देसे बहवो वीरा सन्ति सो लम्बा वाक्य कहना पड़ता है जब कि उसी अर्थ को बताने के लिए समासशैली में "बहुवीरो देसो" इतने कम अक्षरों से ही काम चल जाता है | अर्थात् जिस अर्थ को बताने के लिए समास विहीन शैली में चौदह अक्षरों की आवश्यकता पड़ती है, उसी अर्थ को संपूर्ण रूप से बताने वाली समासशैली में केवल छः अक्षरों से ही सुन्दर रूपेण काम चल जाता है । समासशैली की यही सब से बड़ी विशेषता है ।
१. सिद्धम० सं० व्या० ३ | १|१ से १६३ - सम्पूर्ण समास प्रकरण ।
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