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अथ अनुकम्पाऽधिकारः।
केतला एक अज्ञानी इम कहे। एक तो जीवहणे १ एक न हणे २ एक जीव बचावे ३९ जीव बचावे ते न हणे तिण में आयो। एहवो कुहेतु लगावी ने असंयती जीवारो जीवणो वाञ्छ्यां धर्म:कहे छै। तेहनो उत्तर–एक तो जीव हणे १ एक न हणे २ एक जीव छुडावे ३ ए तीन न्यारा २ छै। दोयां में मिले नहीं ते ऊपर दूजो दृष्टान्त देई ओलखावे छ। जिम एक तो झूठ बोले १ एक झंठ न बोले २ एक सांच बोले ३ ए पिण तीन न्यारा छै। अनें कूठ बोले ते तो अशुद्ध छै १ झूठ बोले नहीं ते शुद्ध छै २ अनें सांच बोले ते शुद्ध अशुद्ध वेहू छै ३ । जे सावद्य सांच बोले ते तो अशुद्ध अनें निरवद्य साच बोले ते शुद्ध छै। इम साच बोले ते तीजो न्यारो छै। तिम जीव हणे ते तो अशुद्ध छै १ न हणे ते शुद्ध छै २ अनें छोडावे तेहनो न्याय-जे जीव हणता ने उपदेश देई में हिंसा छोडावे ते तो शुद्ध छै। अने जोरावरी तूं तथा गर्थ (धन) देइ तथा जीवरो जीवणो वांछी छोडावे ते अशुद्ध छ। इम तीन न्यारा २ छै। जद अगलो कहे इम नहीं ए तो एम छै। एक झूठ बोले १ एक झूठ न बोले २ एक झूठ बोलता ने वर्जे ३ ए ३ दोयाँ में घालो। तिम जीवरा पिण ती बोल दोयां में घालणा। तेहनो उत्तर-एक तो झूठ बोले ते सावध असत्य वचन योग छै १। एक झूठ बोलवारा त्याग कीधा ते संबर छै २। एक भूठ बोलता ने वर्जे उपदेश देवे समझावे ते पचन रो शुभ योग छै निर्जरा री करणी छै इम तीनूं न्यारा २ छ। तिम एक तो जीव हणे ते हिंसक १ एक हणवारा त्याग कीधा ते हणे नहीं ए संवर २ तीजो जीव हणतां ने उपदेश देई ने समभावे. हिंसा छोडावे ३ जिम उपदेश देइ झूठ छोडावे, तिम उपदेश देइ हिंसा छुडावे। ए वचन रो शुभ योग निर्जरा री करणी छै। ए तीनूं न्यारा २ छै। जद आगलो कहे इम नहीं। एक तो जीव हणे १ एक जीव न हणे २ एक जीव रो जीवणो वांछी ने जोव ने छोडायो ३ । ए.किण में आयो तेहनों उत्तर--एक तो चोरी