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भ्रम विध्वंसनम्।
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तो तिण रे खे आखी रात रो वखाण दियां धर्म कहिणो। तथा पडिले. लेहन कियां धर्म छै तो तिण रे लेछे आखोइ दिन पडिलेहन कियां धर्म कहिणो। जो मर्यादा :प्रमाण वखाण दियां तथा पडिलेहन कियां धर्म छै तो आहार पिण मर्यादा संकियां धर्म छै। पिण मर्यादा उपरान्त आहार कियां धर्म नहीं। अर्ने साधु आहार किया प्रमाद हुवे तो दातार ने धर्म किम हुवे । डाहा हुवे तो विचारि जोइजो।
इति ७ बोल सम्पूर्ण।
इति निर्ग्रन्थाऽऽहाराधिकारः।