________________
२३६
सम विध्वंसनम्।
में मो ने किश्चिन्मात्र पाप लाग्यो नहीं। ते झूठ रा बोलणहार छै। अनें भगवान् में निद्रा आई तिण में तेहीज पाप लाग्यो कहे छै। प्रमाद कहे छै। प्रमादरी भोलखगा विना भगवान् री द्रव्य निद्रा में प्रमाद कहे छ। अनें वली किश्चिन्मान पाप लागे नहीं इम पिण कहिता जावे छै। त्यां जीवां ने किम समझाविये। डाहा हुवे तो विचारि जोइजो।
इति ५ बोल सम्पूर्ण।
इति गुणवर्णनाऽधिकारः।