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भरतेश वैभव नहीं किया है। प्राण गये हुए शेरके नखको तोड़ना कोई बड़ी बात नहीं। इसी प्रकार अग्नि की ज्वाला शांत हुए गुफाका मैंने कपाट तोड़ दिया इसमें कौनमी बड़ी बात है। सचमुचमें महावीरोंके लिए भी असदृश कार्यको आपने किया है। भयंकर अग्निज्वालारूपी प्राण भी घबराकर चला जाए इस प्रकारको वीरतासे सामनेके विशाल वज्रकपाटका आपने विस्फोटन किया है। परन्तु मैं तो एक गिरे हुए मकान के पीछेके छोटेसे दरवाजेको ही खोला है, इसमें क्या बहादुरी है ? स्वामिन् ! विशेष क्या कहूं ? आपके ही पुण्ययोगसे वह दरवाजा अनायाग खुल गया। कृतमाल भी मम्राटकी सेवा पाकर अपनेको धन्य मानता है। वह कृतकृत्य हो गया, स्वामी की आज्ञानुसार वह व्यन्तर सेनाओंको साथ लेकर गुफामुस्त्र में पहरा दे रहा है। भूचरोंसे खाई खुदवाई और खेचरोंसे पुलका कार्य कराया गया । इस प्रकार सेनापति व विश्वकर्माने निवेदन किया।
एक महीनेके बाद प्रस्थानभेरी बजने के बाद यहाँसे सेनाका प्रस्थान हुआ। सबसे आगे जयकुमार अनेक राजाओंके साथ जा रहा है। तदनन्तर व्यंतरोंकी सेना जा रही है । बीचमें गणवद्ध देवों के साथ भरतेश्वर जा रहे हैं। भग्नेश अपनी सेनाके साथ सोपान मार्गसे चढ़कर उस गुफामें प्रवेश कर गये और आगे जाकर सिन्धु नदीके तटपर जा रहे थे । वहाँपर भयंकर अन्धकार है, तथापि एक कोसमें एक काकिणीरत्न रखा गया है। उसके प्रकाशमें जानेमें सम्राट की सेनाको कोई कष्ट मालूम नहीं हो रहा था 1 दिन रात्रिका विभाग यहाँपर मालम नहीं हो रहा था। यहां दिनमें भी अंधकार ही अंधकार रहता था, तथापि घड़ीकी सहायतासे दिन रात्रिके विभागको जानकर मम्राट मार्यकालके भोजन वगैरह संध्याकृत्यको करते थे।विवेकी भरत किसी भी जगह किसी कारणसे फंसनेवाले नहीं हैं। गुरु हमनाथ परमात्माका ध्यान करते हुए स्थान-स्थानपर मुक्काम करते जा रहे थे। हमेगा स्त्रियोंकी सेना पीछे रहती थी, परन्तु उस गुफामें शायद बे डर जायेंगी ऐमा समझकर उन्हें अपने साथ ही ले जा रहे हैं । अर्ककीति आदि. पुत्रोंको बुद्धिसागरके साथ भेजकर स्वयं स्त्रियोंका योगक्षेम विचारते हुए जा रहे थे । इतना ही नहीं, उस भयंकर गुफामें स्त्रियाँ डर जायेंगी इस विचारसे अपने अनेक रूप बनाकर उनके साथ भरतेश्वर विनोद संकथालाप करते जाते हैं। संगीत करनेवाली स्त्रियां अध्यात्म गायन कर रही हैं। उनमें आत्मकलाका वर्णन है। उनका अर्ष समझाते हुए भरतेवरको