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विषय
मुनिवर - स्तुति विषयानुक्रमणिका
1. सर्वार्थसिद्धि का वृत्तिवैशिष्ट्य
2. जैनधर्म की समाजवादी अर्थव्यवस्था
( आदिपुराण के परिप्रेक्ष्य में )
3. जैन दार्शनिकों का अन्य दर्शनों को त्रिविध अवदान
4.
विषयानुक्रमणिका
7.
8.
लेखक का नाम
-
श्रावकाचार संग्रह में सामायिक प्रतिक्रमण स्वरूप, विधि तथा महत्त्व डॉ. शीतल चन्द जैन 5. रत्नकरण्डक श्रावकाचार के परिप्रेक्ष्य में वैयावृत्य: दान भी, धर्म भी आलोक कुमार जैन 6. तत्त्वार्थवार्तिक में वर्णित श्रुतज्ञान और उसकी दार्शनिक मीमांसा डॉ. श्रेयांसकुमार जैन निर्मला जैन
मानव धर्म की पृष्ठभूमि: एक अनुशीलन
प्राकृत भक्ति साहित्य पर संस्कृत का प्रभाव : एक समीक्षा डॉ. आनन्द कुमार
जैन
• डॉ. जयकुमार जैन
-डॉ. श्रीमती कृष्णा जैन
प्रो. सागरमल जैन
9. शोध सार, जैन ध्यान योग का समीक्षात्मक अध्ययन
(ज्ञानार्णव के परिप्रेक्ष्य में)
12. अकालमरण: आचार्य उमास्वामी की दृष्टि में
- डॉ. मुकेश कुमार जैन
10. जीवन और समाज का आधार : अनेकान्त - डॉ. अनेकान्त कुमार जैन
11. जैन अपरिग्रह की अवधारणा सूत्रकृतांग के विशेष संदर्भ में
पृष्ठ संख्या
डॉ. वन्दना मेहता
पुलक गोयल
3
4
5-18
19-29
30-38
39-46
47-54
55-64
65-69
70-72
73-81
82-87
88-91
92-96