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अपामार्ग औषधि
-डॉ. चरणसिंह
अपामार्ग को चिरचिटा, लटजीरा आदि नाम से भी जाना जाता है। अपामार्ग तो संस्कृत का शब्द है। इसे बंगाली में आपांग, पंजाबी में मठकंडा, मराठी में अधाड़ा, गुजराती में अधेड़, कर्नाटकी में उत्तरने, चिचिरा, तैलंगी में दुच्चिगिके और उत्तरप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में औंगा और लटजीरा कहते हैं।
आयुर्वेद की वनस्पतियों के गुण गण आदि की दृष्टि से द्रव्य गुण विज्ञान नामक ग्रंथ अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इनके अनुसार यह अपामार्ग शिरोविरेचन, कृमिघ्न, वमनोपग गण का है। इसका लैटिन में एकाइरैन्थस ऐस्परा (Achyramthes aspra), संस्कृत में अपामार्ग का दोषों का मार्जक या संशोधक अर्थ है। इसके पुष्प-फल शिखर तुल्य मञ्जरी में होने से शिखरी नाम है। अधोमुख कंटक होने से अधोमुख नाम है। मयूरक, खरमञ्जरी-पुष्प मञ्जरी खर होने से नाम है। अपामार्ग को मलयालम में कटलती, असम में अल्कुम, फारसी में खारे बाजगून, अंग्रेजी में प्रिकली चाफ फ्लावर (Prickly chaff flower) कहते हैं। अपामार्ग का स्वरूपः
चिरचिटा एक बूटी है। इसकी क्षुप 1-3 फुट ऊँचा काण्ड सरल या शाखायुक्त होती है। इसके पत्ते अण्डाकार या अभिलटवाकार, लंबा 1-5 इंच लम्बे रोमश होते हैं। पुष्पमञ्जरी लगभग 1 फुट लम्बी खर और दृढ़ तथा अग्रभाग पर स्थूल और झुकी हुई होती है जिसमें अधोमुख 1/6-1/4 इंच लम्बे पुष्प लगते हैं। वृन्तपत्रक लटवाकर, गुलाबी रंग के कांटेदार प्रायः कांटे से आधे या बराबर लम्बे होते हैं। फलीय परिपुष्प 1.8-2 इंच लम्बा, हरितवर्ण गुलाबी आक्सस लिए वृन्तपत्रकों के साथ पृथक् हो जाता है, केवल मुड़ा हुआ कोण पुष्पक रह जाता है। परिपुष्प के दल भालाकार, बाहरी विशेष तीक्ष्णाग्र होते हैं। पुंकेशर पांच होते हैं। कण्टकीय वृन्तपत्रकों तथा तीक्ष्णाग्र परिपुष्प के कारण फल कपड़ों में चिपक जाते हैं और हाथ में भी गड़ जाते हैं। पके फलों के भीतर से चावल के समान दाने निकलते हैं जिन्हें 'अपामार्ग तण्डुल' कहा गया है। शीतकाल में पुष्प और फल लगते हैं तथा ग्रीष्मकाल में फल पककर गिर जाते हैं।
जाति- आयुर्वेद के निघण्टुओं में अपामार्ग को दो प्रकार का कहा गया है (1) श्वेत अपामार्ग (2) रक्त अपामार्ग। रक्त अपामार्ग का काण्ड और शाखाएं रक्ताभ होती हैं। पत्रों पर भी लाल-लाल दाग होते हैं।
उत्पत्तिस्थान- यह समस्त भारत के शुष्क प्रदेशों में स्वयं होता है। रासायनिक संघटन- इसकी राख में विशेषतः पोटाश होता है। गुण- अपामार्ग लघु, रूक्ष तथा तीक्ष्ण गुणवाला है।