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सिद्धान्तसार दीपक जघन्य भोगभूमि में जीवों की जन्म, मरण एवं आय प्रादि की जो व्यवस्था है, कुभोगभूमिज मनुष्यों की भी सभी व्यवस्थाए' सी ही जानना ।।१०१।। अब लवण समुद्र के अन्य २४ द्वीप कहते हैं :--
तथा चेम्विधा द्वीपाश्चतुर्विशतिसंख्यकाः ।
भवन्ति घातकोवण्डनिकटे लवणाएंवे ॥१०२॥ अर्था:-लबरणसमुद्र में जम्बूद्वीप के निकट जिस प्रकार से चौबीस द्वीप कहे हैं, वैसे ही धातकी खण्ड के समीप भी २४ दी द्वीप हैं ॥१०२।। इसप्रकार लवरणसमद्र में ४८ द्वीप हैं।
जिन का चित्रण निम्न प्रकार है :
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जम्थ-द्वीप फिमचनप/
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