Book Title: Siddhantasara Dipak
Author(s): Bhattarak Sakalkirti, Chetanprakash Patni
Publisher: Ladmal Jain

View full book text
Previous | Next

Page 645
________________ tesfer [xee तीन बार वर्गित संगित करना चाहिए। इस बार की प्रक्रिया से जो विशद महाराशि उत्पन्न हो [ उसे केवलज्ञान के अविभागी प्रतिच्छेदों में से घटा देना चाहिए, तथा जो अवशेष रहे, उस शेष को उसी उत्पन्न हुई विशद् महाराशि में मिला देने से केवलज्ञान के अविभागी प्रतिच्छेद प्रमाण उत्कृष्ट अनन्तानन्त होता है ] उसे केवलज्ञान और केवलदर्शन के अविभागी प्रतिच्छेदों में मिला देने पर उत्कृष्ट अनन्तानन्त का प्रमारण होता है । [ किन्तु यह प्रमाण केवलज्ञान के अविभागी प्रतिच्छेदों से वृद्धिगत ( बढ़ जाने ) हो जाने के कारण उत्कृष्ट अनन्तानन्त के प्रमाण को पार कर जायगा, जो आगम विरुद्ध होगा ] जघन्य ग्रनन्तानंत और उत्कृष्ट अनन्तानन्त के मध्य में मध्यम अनन्तानन्त होता है, जो अनन्तों प्रकार का है। भव्यों की संख्या इसी मध्यम अनन्तानन्त प्रमाण है। जहाँ जहाँ अनन्त का प्रसारण कहा जाता है, वहाँ वहाँ अजघन्य एवं अनुत्कृष्ट अनन्तानन्त ही ग्राह्य है । जहाँ भव्यों की संख्या कही गई है बहाँ जघन्य युक्तानन्त जानना चाहिए । अर्थात् अभव्य राशि जघन्य युक्तानन्त प्रमाण है । जहाँ प्रावली आदि के समय क गये हैं, वहाँ जघन्य युक्तासंख्यात जानना चाहिए। ܀ संख्यास का विषय ( प्रमाण ) श्रुतज्ञान गम्य है, श्रसंख्यात का विषय अवधिज्ञान गम्य है। और अनन्त ( युक्तानन्त आदि ) का विषय सकल प्रत्यक्ष स्वरूप केवलज्ञान का विषय है । अर्थात् मात्र केवलज्ञान गम्य है । अब उपमा मान के आठ भेदों के नाम कहते हैं: पयोऽथ सागरः सूच्यङ्गुलं च प्रतराङ्गुलम् । घनाङ्गुलं जगच्छु लिकप्रतर एव हि ॥ ३६ ॥ लोकोऽमी चोपमामानभेदा अष्टौ मताः श्रुते । प्रमषां विस्तराख्यानं सुखबोधाय कथ्यते ||४०|| अर्थ :- पल्य, सागर, सुकपङ्गुल. प्रतराङ्गुल, घनाङ्गुल, जगच्छ्ररणी जगत्प्रतर और लोक उपमा मान के ये ग्राठ भेद आगम में कहे गये हैं। सुख पूर्वक बोध प्राप्त करने के लिए अब इन पाठों का विस्तार से वर्णन करते हैं ।।३६-४० ॥ अब व्यवहार पल्य और उसके रोगों की संख्या कहते हैं: -- सर्वत्र योजनासो योजनं कावगाहकः । समवृतो महान् कूपः खभ्यते पन्य सिद्धये ॥४१॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662