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सिद्धान्तसार दीपक
क्रमांक
वल्लभानों का प्रमाण
उत्सेध
_देवांगनाओं के गृहों का
| लम्बाई चौड़ाई मोजमों में मीलों में योजनों में मोनों में
योजनों ।
सौधमशानेन्द्र
३२०००
सानत्कु०-माहेन्द्र
२०००
सांतवेन्द्र
५००
शुक्रन्द्र
शवारेन्द्र
१२५
| २५० | २००० | २०० । १६००
मानतादि ४ इन्द्रों की
अब प्रत्येक इन्द्र की पाठ-पाठ महादेवांगनानों के नाम कह कर उनकी विक्रियागत देवांगनानों का और परिवार देवांगनाओं का प्रमाण दिखाते हैं:
सप्तस्थानेषु सर्वेषामिन्द्राणां दिव्यमूर्तयः । प्रत्येक स्युमंहादेव्योऽष्टौ विश्वाक्षसुखप्रदाः ।।१६४।। शची पमा शिवा श्यामा कालियो सुलसार्जुना। भानेति दक्षिणेन्द्राणां देवीनामानि सर्वतः ॥१६॥ श्रीमती संजिका रामा सुसीमा विजयावती । जयसेना सुषेणारया सुमित्राय वसुन्धरा ॥१६६।। सर्वत्रवोत्तरेन्द्राणां देवोनामान्यमून्यपि । एकेका च महादेवी विक्रियषि प्रभावतः ॥१६७॥ विना मूलशरीरं चाघे युग्मे विकरोत्यपि । स्वसमानि सहस्रारिग बिक्रियाङ्गानि षोडश ॥१६॥