________________
૪૬ ]
सिद्धान्तसाथ दीपक
क्रोकस्य चतुर्भागविस्तरा मध्यमा क्रमात् । क्रोशार्थं विस्तृताः केचित् पादोनक्रोशविस्तराः ॥१६॥ केचिच्च सकलोत्कृष्टाः क्रोशव्यास विमानकाः । इति ताराविमानानां त्रिधाविष्कम्भ उच्यते ॥ २० ॥ नक्षत्राणां विमानाः स्युः सर्वे क्रोशंकविस्तृताः । सर्व ज्योतिविमानानां व्यासार्थं स्थूलता भवेत् ॥२१॥
अर्थः- चन्द्र विमान का विस्तार एक योजन के ६१ भागों में से ५६ भाग प्रमाण अर्थात् ३३ योजन प्रमाण है || १३|| जिनागम में जिनेन्द्र भगवान् द्वारा चन्द्र विमान का व्यास तीन कोस और १३४४ धनुष से कुछ ( दे धनुष ) अधिक कहा गया है। सूर्य के विमान का विस्तार एक योजन के ६१ भागों में से ४८ भाग अर्थात् ई योजन प्रमाण और शुक्रदेव के विमान का विस्तार एक कोस प्रमाण है ।। १४- १६ ॥ वृहस्पति देव के विमान का विस्तार पनि कांश तथा मङ्गल, बुध और शनि देवों के विमानों का विस्तार विद्वानों के द्वारा अर्थ अघं कोस प्रमाण कहा गया है। तारागरणों के कुछ विमान जघन्य हैं, जिनका विस्तार एक कोश का चतुर्थ भाग अर्थात् कोश है, मध्यम विमानों में किन्हीं का प्रमाण (३) कोश और किन्हीं का फोन कोश ( ३ ) है । उत्कृष्ट विमानों का प्रमारा एक कोश है, इस प्रकार तारागणों के विमानों का विष्कम्भ तीन प्रकार का कहा गया है । सर्व नक्षत्रों के विमानों का व्यास एक एक कोश है। सर्व ज्योतिविमानों की मोटाई अपने अपने विस्तार के अर्धभाग प्रमारग है ।। १७ - २१ ।
श्रमीषां विस्तरेण व्याख्यानं प्रोच्यते -
चन्द्रविमानस्य स्थौल्यं योजनस्यैक पष्टिभागानां श्रष्टाविंशतिभागप्रमाणं स्यात् । सूर्य विमानस्थ योजनं कषष्टिभागानां चतुर्विंशतिभागप्रमबाहुल्यं भवेत् । शुक्रविमानस्य क्रोशाधं स्थूलतास्ति । वृहस्पतिविमानस्य क्रोशाष्टभागानां त्रिभाग सम्मितं बाहुल्यं स्यात् । मङ्गलबुधशनैश्चरविमानानां प्रत्येकं क्रोशचतुर्थांशस्थूलता भवेत् । तारकविमानानां जघन्यं स्थीत्यं क्रोशस्याष्टमो भागः स्यात् । मध्यमं च क्रोशचतुर्थांशः क्रोशाष्टभागानां विभागप्रमं स्यात् । उत्कृष्ट क्रोशार्धं च । नक्षत्रविमानानां स्थौल्यं क्रोशा भवति ।
अब ज्योतिविमानों के बाहुल्य (मोटाई) का व्याख्यान विस्तार से करते हैं चन्द्र विमान की मोटाई योजन, सूर्य विमान की योजन, शुक्र विमान की है कोश, गुरु के विमान की कोश तथा मंगल, बुध और शनि के विमानों की मोटाई पृथक पृथक् पाव ( 3 ) कोश प्रमाण है । तारांगणों के अन्य विमानों की मोटाई है कोश, मध्यम विमानों में से किन्हीं
'--