Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust
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________________ ANGarwarBASANTARASRAM श्रीमयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलवप्रयन्तीचरित्रम् SARASTRavel THEASTHANTIPela हिन्दी:- आज मेरे पूरे क्षत्रियता के तेज को नलराजा ने ठंडा कर दिया, इसलिए इस युद्ध में अभिमान से अंधा होकर पतंगे की तरह क्यों मौत को अधीन हो जाऊँ? // 150 // पाठी:- आज माझे सर्व क्षात्र तेज नलराजाने शमविले आहे. तर मग मी अभिमानाने आंधळा होऊन विनाकारणच पतंगाप्रमाणे का मसा // 15 // English - Then king Kadam thinks that king Nal has wipped away the pride of his being a Rajput, (a ruling clam, so why should I die as a butterfly being overcome with vanity and self-conciet. इति चेतासि सञ्चिन्त्य, तत: स्थानात् पलाय्यच॥ कदम्यो व्रातमादाय, कायोत्सर्गेण तस्थिवान् // 15 // अन्धमा :- इति चेतसि सञ्चिन्त्य ततः स्थानात् पलाय्य च कदम्बः व्रतम् आदाय कायोत्सर्गेण तस्थिवान् // 15 // विवरण :- इति एवं चेतसि मनसि सञ्चिन्त्य विचार्य ततः तस्मात् स्थानात् युखक्षेत्रात् पलाय्य च कवम्बः व्रतं वीक्षाम् आवाय गृहीत्या कायस्य उत्सर्ग:त्याग: कायोत्सर्गः तेन कायोत्सर्गेण तस्थिवान् अतिष्ठत् // 15 // ગુજરાતી :- એમ મનમાં વિચારીને, તે સ્થાનકેથી નાસી જઈને કદંબરા ચારિત્ર લઇ કાયોત્સર્ગ ધ્યાનમાં રહ્યા૧૫૧૧ हिन्दी:. ऐसा मन में सोच कर, फिर उस स्थान को छोडकर कदंबराजा ने दीक्षा ली और वह कायोत्सर्ग ध्यान में रहे। // 15 // मराठी:- असा मनात विचार करून वुरक्षेत्रात्न पकन जाऊन कदंबराजाने दीक्षा घेतली व तो कायोत्सर्ग प्यानात लीन झाला. // 15 // English - So having thought, what to do next, king kadam, left his place and left the worldly life and became a priest (Diksha) by going into deep meditation (Kayotsarge). 骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗“微