Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 875
________________ 5 Posted Nassosdesiseedheadsidewos श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् Sideosdasegusadarshikaider Ag सरलार्य:- ततः तो द्वावपि तुल्येन समाधिना मृत्यु प्राप्तौ। तत: च देवलोके दाम्पत्यरूपेण देवी अभवताम् / / 12 / / પર ગુજરાતી :- પછી સરખી જ સમાધિપૂર્વક કાલધર્મ પાણીને સ્ત્રીભરથારપણે શોભતા એવા તેઓ બન્ને દેવલોકમાં પણ દેવો u0422 // .... ... हिन्दी :- फिर समान.समाधिपूर्वक कालधर्म पाकर, वे दोनो देवलोक में भी दम्पति समान देव-देवी बने। // 922 // मराठी :- मंतर दोघेही समान समाधानाने (शान्तीने) मरण पावले आणि देवलोकात पण पति-पत्नीरूपानेच उत्पन्न झाले.॥९१३ English - Then together they took up to a deep meditation to death (Samadhi) and in due-cours became a God and a Goddess as husband and wife. ' मम्मणात्मा ततश्श्रुत्वा द्वीपस्याधस्य भारते॥ बहलीविषयोत्तसं भूते पोतनपत्तने // 923 // आभीरो धम्मिलो व्याख्य: पत्नी तस्य च रेणुका।। - आसीत्तयोर्धन्य इति तनयो बिनयोज्ज्वलः॥९२४॥ : मम्मणात्मा तत: च्युत्वा आधस्य दीपस्य भारते बहलीविषयोत्तंसभूते पोतनपत्तने धम्मिलो व्याख्य: आभीर: अनुना / तस्य पत्नी रेणुका आसीत्। तयोः विनयोज्ज्वल: धन्यः इति तनयः अभवत् // 924 // विवरणम्:- मम्मणस्य आत्मा तत: देवलोकात् च्युत्वा आदौ भव: आध: प्रथमः बीप: जम्बूद्धीपः तस्य जम्बूद्वीपस्य, भारते काही नाम विषय: बहलीविषयः बहलीविषयस्य उत्तंसभूते शिरोभूषणभूते पोत्तननाम्नि पत्तने धम्मिल: विशेषेण आख्या बाल्ट स:व्याख्यः धम्मिलनामाआभीर:गोप: अभूता तस्य रेणुकानाम पत्नी अभूता तयोः धम्मिलरेणुकयोः विनयेन उज्य : - विवयोज्ज्वल: धन्यः इति नाम तनयः पुत्रः अभवत् // 924 // पसरलाई:- 'मम्मणस्य आत्मा तत: देवलोकात् च्युत्वा जम्बूद्वीपस्थ भारते देशे बहलीदेशभूषणभूते पोतनपत्तने आभीरयोः पम्मिलरेणुब्दी; विनयोज्ज्वलः पन्व: नाम पुत्रः अभवत् / / 924 // 5555555554

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