Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 882
________________ ORGASARAPARNATAKe श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलवणयन्तीचरित्रम् SRPAasesenressRASANN ई मराठी :- इंद्रपनुष्याला धारण करणारा आणि सर्व तेजस्वी मंडलांना तुप्त करणारा वर्षाऋतु चोहोबाजूंनी अवतीर्ण झाला. // 93011 English :- The monsoons has maintained the rainbow which has snatched and concealed the splendour of the glorious and effulgent path of the heavenly bodies and it has spreed itself on all four sides with its strong showers. क्षुन्दानः पङ्कमाजानु कुलाल इव मृत्तिकाम्॥ . वर्षत्यपि धनेधन्यो महिषीचारको व्रजन्॥९३१॥ अन्वय:- घने वर्षति अपि महिषीचारको धन्य: कुलाल: मृत्तिकाम् इव आजानु पy क्षुन्दान: व्रजन // 931 // विवरणम:- घने मेघे वर्षति सति अपि महिषीं चारयतीति महिषीचारकः धन्य: कुलाल: कुम्भकार: मृत्तिकाम् इव जानुक्याम् आ . आजानु जानुपर्यन्तं पङ्कं कर्दमं क्षुन्दान: पादाभ्यां चूर्णयन् ...व्रजन (अवज्जत) // 931 // सरलार्थ:- मेये वर्षति सति अपि महिषी: चारयन् पन्य: कुलाल: मृत्तिकाम् इव आजानु कर्दमं पादाभ्यां क्षुन्दान: चूर्णवन्.... व्रजन // 931 // ગુજરાતી :- કુંભાર જેમ માટીને ખુદ, તેમ છેક ઘુંટણ સુધીનો કાદવ ખુંદતો અને વરસાદમાં પણ ભેસોને ચરાવવા માટે જતો એવો તે ધન્ય./૯૩૧ हिन्दी :- कुंभार जैसे मिट्टी को रौंदता है, वैसे घुटनों तक के कीचड़ को रौंदता हुआ धन्य बरसात बरस रही थी तो भी मैंसो को चराने के लिए जाता है।९३१॥ मराठी:- कुंभार जसा घट बनविण्यासाठी पायांनी माती तुडवितो. त्याप्रमाणे तो पन्य सुखा मुसळधार पाऊस पडत असतांना सुब्बा म्हशीला चारीत चालला होता. // 931|| Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.

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