Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 837
________________ POSTAsadusewidesSadSARभीजयशेखरसूरिविरचित श्रीलालदमयन्तीचरित्रम् SANSahayengeRagavagengrest EFFE विवरणम:- नल: तैः भुवं पालयन्तीति भूपाला:, तैः भूपालैः नृपैः सह कूबरेण कनीयसा भआत्रा शठस्य भावः शान्यं, तस्मात शाळ्यात कपटात आहताम् अपडतां गृहीतां निजां श्रियं राज्यलक्ष्मी प्रत्याहाँ प्रत्यानेतुं कोशलां नगरी प्रति अचालीत अगमत् / / 878 // सरलार्थ:- नल: तै: नृपैः सह बरेण शाम्यात् अपहतां स्वां श्रियं प्रत्याहतु कोशलां प्रति अचालीत् // 878 // ગજરાતી:-પછીનલરાજએ, કબરે લુચ્ચાઈ કરીને હરી લીધેલી પોતાની લક્ષ્મીને પાછી મેળવવા માટેતેરાઓ સહિત કોશલાનગરી તરફ પ્રયાણ કર્યું.૮૭૮ हिन्दी:. फिर नलराजाने कुबर द्वारा कपट से हरण की हुई अपनी राजलक्ष्मी को वापस प्राप्त करन के लिये उन राजाओं सहित कोशलानगरी की ओर प्रयाण किया॥८७८|| मराठी :- नंतर नलराजाने कबराने कपट करून हरण केलेली, स्वत:ची राज्यलक्ष्मी परत मिळविण्यासाठी त्या राजांसह कोशला नगरीकडे प्रयाण केले.।।८७८॥ English - Then King Nal proceeded towards the city of Koshala along with the other kings in order to teach Kubar and lesson, who had shatched away his Kingdom using unjust and illegal means. 编端端端瑞端瑞端瑞端瑞端瑞端 कैश्चित् प्रयाणकैः पृथ्वी छादयन्निव सैनिकैः॥ नल: कौशलमुधानं रतिवल्लभमावसत् // 879 // अन्वयः- नल: कैश्चित् प्रयाणकै: सैनिकैः पृथ्वी छादयन् श्व कौशलं रतिवल्लभम् उद्यानम् आवसत् // 879 // विवरणम्:- नल: कैश्चित् प्रयाणकै: सैनिकै: पृथ्वी भूमिं छादयन् उपवनम् आवसत् / सेनानिवेशम् अकारयत् // 879 // सरलार्य:- नल: कैश्चित् प्रवाणकै: सैनिकै: पृथ्वी छादयन् (आवृण्वन) इव कोशलावा: रतिवल्लभं नाम उपवनम् आवसत् / / 809 / / ગુજરાતી:- પછી કેટલેક પ્રયાણે સૈનિકો વડે જાણે પૃથ્વીને આચ્છાદિત કરતો હોય તેમ નલરાજા કોશલાનગરીના રતિવલ્લભ CE

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