Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 836
________________ ONGRAHARASHTRA श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् ARRESTERNATANTRA नलादेशादमेल्यन्त तदानीं तैर्महानृपैः॥ विपक्षक्षोभकारिण्योऽक्षोहिण्य: क्षुण्णभूतला: // 877 // अन्वय:- तदानीं नलादेशात् तै: महानृपैः विपक्षक्षोभकारिण्य: क्षुण्णभूतला: अक्षोहिण्य: अमेल्यन्ता।८७७॥ . विवरणम्:- तदानीं नलस्य आदेश: नलादेशः, तस्मात् नलादेशात् नलाज्ञायाः तै: महान्तश्चते नृपाश्चमहानृपाः, महानुपैः महाराजभिः - विरुद्ध: पक्ष: विपक्षः। विपक्षस्य क्षोभ: विपक्षक्षोभः। विषक्षक्षोभं कुर्वन्तीत्येवंशीला: विपक्षक्षोभकारिण्य: विपक्षं क्षुब्ध कुर्वत्यः क्षुण्णंचूर्णितं भूतलंयाभि: ता:क्षुणभूतला: चूर्णितपृथ्वीतला: अक्षौहिण्य: सेना: अमेल्यन्त समचीयन्त॥८७७॥ सरलार्य:- तदानीं नलस्य आदेशात् तै: महानृपैः विषक्षस्व क्षोभं जनयन्त्यः भूमि चूर्णवन्त्यः सेना: संगृहीताः / / 877|| ગુજરાતી - પછીનલની આજ્ઞાથી તે વખતે જ તે મોટા રાજાઓએ શત્રુઓને લોભ પમાડનારી, તથા પૃથ્વીને પૂજવનારી સેવાઓ 38 37.1877 // .. - फिर नल की आज्ञा से उसी समय बड़े राजाओं ने शत्रुओं को क्षोभ करानेवाली और पृथ्वी को कपायमान करनेवाली सेना को जमा किया // 877|| मराठी: नंतर नलाच्या आज्ञाने त्याच वेळेला मोवपा राजांनी शत्रूला क्षोभ उत्पन्न करणाऱ्या आणि पृथ्वीला कैपित करणाचा सेना जमा केल्या . // 877| English - Then on the order and behest of King Nal al the big king formed an army that could destroy and spread disaster in an enemy and that could termulate the earth by its presence. TEEEEEEEEEEEEELS नलस्तै: सह भूपालैरचालीत् कोशलां प्रति॥ कूबरेणाहतां शाठयात् प्रत्याहतुं निजां श्रियम् // 878 // य:- नल: तै: भूपालै: सह कूबरेण शाठ्यात् आखतां निजां श्रियं प्रत्याहतु कोशलां प्रति अचालीत् // 878 // P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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