Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 843
________________ Peahesentasteisesentestates अजयशेखरसूरिशिरथितं श्रीनालाक्षणयन्तीचरित्रमा JasatayersasteNBASANBARAMATRISele उपेन्द्र स्व सर्वैः स नल: स्फूर्जभुजाबलः॥ ढौकितोपायनै रेजे भरतार्धगतेनृपः॥८८५॥ अन्वयः- स्फूर्जद्भुजाबल: स नल: भरतार्धगतै: ढौकितोपायतैः सर्वे: नपैः उपेन्द: इव रेजे // 885 // विवरणमः- भुजयो: बलं भुजाबलम् / स्फूर्जत् भुजाबलं यस्य सः स्फूर्जद्भुजाबल: देदीप्यमानबाहुबल: स: नृप ढौकितानि पुर:स्थापितानि उपायनानि प्राभृतकानि यैः ते ढौकितोपायानाः, तै: दौकितोपायानै: पुरःस्थापितप्राभृतकैः, भरतस्या भरतार्धम् / भरताधं गता: भरतार्धगताः, तैः भरतार्धगतैः भरतार्धे वर्तमानैः सर्वैःनन् पान्तीति नृपाः, तैः नृपैः राजभिः उपेन्द्र विष्णुः इव रेजे शुशुभे।।८८५॥ सरलार्थ:- स्फुरबाहुबल: स: नलः पुरः उपायनानि स्थापयद्धिः भरतार्यक्षेत्रे वर्तमानैः सर्वे: नपै: उपेन्द्रः इव राज // 885|| ગુજરાતી:- જાજ્વલ્યમાન છે ભુજાબળ જેનું એવો તેનલરાજા, અર્ધભારતના ભેટસોગાદો લઈ પધારેલા એ રાજાઓ વચ્ચે વિષગુની પેઠે શોભવા લાગ્યો.૮૮પા हिन्दी :- स्फूर्तिदायक है भुजाबलजिसका, ऐसा वह नलराजा, भेट किए हैं उपहार जिन्होंने ऐसे अर्धभरत के सभी राजाओं से विष्णु के समान शोभने लगा। // 885 // न मराठी:- बाबळ स्फुरणपावत असलेला नलराजा आपल्या समोर अनेक नजराणे ठेवणान्या, अर्थभरतक्षेत्रातील राजांनी विष्णूप्रमाणे शोभू लागला. // 885|| English - Than Nal was seemed like Vishnu among the kings who had gifted him with different things, had increased the own fulgent and radiance with his own muscular strength. 她騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙 दानसम्मानसम्भाषेरासतामाश्रितास्तदा॥ द्विषोऽपि तोषयामास सौजन्यातिशयानलः // 886 // जन अन्वय:- तवा नल: आश्रिता: आसताम् / सौजन्यातिशयात् द्विषः अपि दान सम्मान सम्भाषैः तोषयामास // 886 // diressnesavdatestratavaadee 824 BABASANTOSHendevenduadaNdneeted

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