Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

View full book text
Previous | Next

Page 857
________________ Paste श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम SENSANTOPRASANBoulen मराठी:- नंतर तो दरबन्दी असलेला राजा जसे वानराला खेळण्यासाठी कळपातून वेगळे करावे. तसे त्या मुलीला खेळण्यासाठी सार्धात्न ओदन आणन मागे फिरला.।।९०१।। English - The King with a cruel intention lifted up the priest as one fts up a monkey from a group of monkeys and walked away and laughed about the mather. सकलत्रोऽपि भूपस्तं क्षमाश्रमणपुङ्गवम् / / खेदयामास दौरात्म्याद् यावद् द्वादश नाडिकाः // 902 // अन्वय:- . सकलत्र: अपि भूप: तं क्षमाश्रमणपुङ्गवं दौरात्म्यात् द्वादश नाडिका: यावत् खेदयामास // 902 // विवरणम्:- कलत्रेण वह वर्ततेऽसौ सकलत्र: सभार्यः अपि भुवं पातीति भूपः नृपः तं क्षमाश्रमणपुङ्गवं क्षमाश्रमणश्रेष्ठं दुष्टः आत्मा" यस्य स: दुरात्मा दुरात्मन: भाव: दौरात्म्यं तस्मात् दौरात्म्यात् दुष्टबुद्धित्वात् द्वादश नाडिका: घटिका: यावत् पर्यन्तं खेदयामास तोदयामास॥९०२॥ सरलार्थ:- भार्यया सह स: नृपः तं क्षमाश्रमणश्रेष्ठं दुष्टबुदित्वात् द्वादश पटिकापर्यन्तं खेदवामास / / 902|| ગુજરાતી:- ટબુદ્ધિપણાથી રાણી સહિત તે રાજાએ તે મુનિમહારાજને બાર ઘડી સુધી પરેશાન કર્યા. I902 हिन्दी:: दुष्ट बुद्धि से रानी सहित उस राजा ने उस मुनिराज को बारह घडी तक परेशान किया। // 902 // मराठी:- नंतर राजाने राणीसह दुष्टपणाने त्या श्रेष्ठ मुनिराजाला बारा घटकापर्यंत खूप त्रास दिला.।।९०२।। English :- Along with his evil-minded wife, the king harrassed the priest for twelve hours... 騙弱弱說明呢呢呢呢骗骗骗骗骗骗骗 PPA curathasur MS

Loading...

Page Navigation
1 ... 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915