Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

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Page 810
________________ RARMSARAIR esease श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलादमयन्तीचरित्रम् Reesaasaasaretakestatisemag सरलार्थ:- माकन्दारोहणं नलसङ्गमस्य कारणमस्ति / विशिष्टकमललाभ: राज्ययोग्यपुत्रप्रदः अस्ति / / 846 // ગજરાતી :- વળી તારું જે આમવૃક્ષ પર ચડવું થયું, તેને નલરાજાના સમાગમના કારણરૂપ જાગવું, તથા ઉત્તમ કમલની પ્રાપ્તિને शपया पुत्रने सायनारीवी .846 // हिन्दी.. फिर तेरा जो आम्रवृक्ष पर चढना हुआ उसे नलराजा के समागम का कारण समझ और उत्तम कमल की प्राप्ति को राज्यलायक पुत्र की प्राति समझा // 846 // मराठी:- नंतर तझे जे आम्रवृक्षावर चढणे नलराजाच्या समागमाचे कारण आहे. असे समज आणि उत्तम कमळाची प्राप्ति राज्याला लावक पुत्राची प्राप्ती समज.11८४६॥ English - He continued that her climb on the mango trce signifies her union with King Nal and the attainment of the auspicious lotus rignifies the atainment of an eminent son capable of a kingdom. 號騙騙听听听听听听听听%骗骗骗骗 विहङ्गपतनं राज्याद्-विभ्रंश: कूबरस्य तु॥ मिलिष्यति नलोऽद्यैव प्रगेच स्वप्नदर्शनात् // 847 // अन्वयः- विहङ्गपतनं तु कूबरस्य राज्यात् विभ्रंशः / प्रगे स्वप्नदर्शनात् नल: अध एव मिलिष्यति // 847 // विवरणम्:- विहङ्गस्य पक्षिण: पतनं विहङ्गपतनं पक्षिपतनं तु कूबरस्य राज्यात विभ्रंश: विभ्रंशनमस्ति। प्रगे प्रभाते स्वप्नस्य दर्शनं स्वप्नदर्शनं तस्मात् स्वप्नदर्शनात् नल: अघ एव मिलिष्यति // 847 // सरलार्थ:- विहास्य पतनं तु बरस्य राज्यात् विभ्रंशः अस्ति / प्रभाते स्वप्नदर्शनात् नल: अय एव मिलिष्यति // 847 / / ગુજરાતી:-પક્ષીનું જે પડવું થયું, તેને રાજ્ય પરથી બરનો ભંશ જાણવો. વળી પ્રભાતનાં સ્વપ્ન જેવાથી તને આજે જનલનો અને भेजा५५2.॥८४७॥ Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.

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