Book Title: Nal Damayanti Charitrayam
Author(s): Jayshekharsuri, Sarvodaysagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

View full book text
Previous | Next

Page 794
________________ OROGHARAPASARAMSAPages श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम PRICORRRRRRRRRRRRRRRISevere हिन्दी :- छडीदार, छत्र धरनेवाला, राजा और दो चामर धरनेवाले इसप्रकार वे पांच और छठ्ठा कुब्ज इतने आदमी रथ में स्वार हो . गये ||826|| हट मराठी:- छडीदार, छत्र पारी राजा आणि दोन चामर हलविणारे असे ते पांच आणि सहावा कुब्ज असे सहा जण त्या रथात स्वार झाले. // 826 // English :- Then the King. the two mace-beares, two fanners and the hunch-backmounted the chariot. STREEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE पद्य (हय) कट्यामथाबध्य ते श्रीफलकरण्डके। रथ्यानखेटयत् कुब्ज: कृतदेवगुरुस्मृतिः // 827 // अन्वयः- अथ पध (हय) कट्याम् ते श्रीफलकरण्डके आवध्य कृत देव गुरुस्मृति: कुब्ज: रथ्यान् अखेटयत्।।८२७॥ विवरणम्:- अथ अनन्तरं पद्यानां (हयानां) कटिः पद्य कटिः, तस्या पधकटयाम् अश्वकदयां छे श्रीफलस्य करण्डके श्रीफलकरण्डके आवध्य देवश्चगुरुश्च देवगुरुा देवगुर्वो: स्मृति: देवगुरुस्मृतिः। कृता देवगुरुस्मृति: येन सः कृतदेवगुरुस्मृति: देवं गुरुंच स्मृत्वा कुब्ज: रथं वाहन्तीति रथ्याः, तान रथ्यान् अश्वान् अखेटयत् अनुदत् // 827 // . सरलार्थ:- अनन्तरं अश्वकट्यां दे श्रीफलकरण्डके आवघ्य देवं गुरुं च स्मृत्वा कुब्जः रथस्व अश्वान् अनोदवत् / / 827|| ગુજરાતી:-પછી ઘોડાઓની કેડે શ્રીફળનાડાબલાઓ બાંધીને કુદેવગુરુનું સ્મરણ કરીને ઘોડાઓને હંકારવા માંડ્યા.૮૨૭00 हिन्दी :- फिर घोडों की कमर पर श्रीफळ के दो डब्बे बांधकर कुब्ज देवगुरु का स्मरण कर घोडो को हांकने लगा / / 827 // .. मराठी :- नंतर घोड्याच्या कमरेला श्रीफळाचे दोन करण्डे बांएन कुब्ज देवगुरूंचे स्मरण करुन घोड्यांना हाक् लागला.॥८२७॥ English - Then the hunchback tied two boxes of wood-apples on the horses backs and memorizing the name of God, began to urge the horses to speed off. AKO MPONSIBarsampRASHRSSRPRISAR775.narassedusarmeshwarSANAMESH P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

Loading...

Page Navigation
1 ... 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864 865 866 867 868 869 870 871 872 873 874 875 876 877 878 879 880 881 882 883 884 885 886 887 888 889 890 891 892 893 894 895 896 897 898 899 900 901 902 903 904 905 906 907 908 909 910 911 912 913 914 915