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लोक
वर्तते है और स्वर्ग मोक्षके पुरुषार्थ की सिद्धि है । अन्य क्षेत्रो में सदा त्रेतायुग रहता है और महाँके निवासी पुण्यवान अधिव रहित होते है । (अध्याय २ ) । भरतलेत्रमें महेन्द्र आदि
है, जिनसे चमा बदि अनेक नदियाँ निकलती है। नदियोके किनारोपर कुरु पाचाल आदि) और पौष्ट्र आदिले सोग रहते है। ( अध्याय ३ ) इसी प्रकार प्लक्षद्वीपमें भी पर्बत व उनसे विभाजित क्षेत्र है। वहाँ प्लक्ष नामका वृक्ष है और सदा त्रेता काल रहता है । शामल आदि शेष सर्व द्वोपोकी रचना प्लक्षद्वीप है । पुष्करद्वीपके बीचोबीच वलयाकार मानुषोत्तर पर्वत है। जिससे उसके दो खण्ड हो गये है । अभ्यन्तर खण्डका नाम धातकी है। यहाँ भोगभूमि है इस द्वीप व नदियाँ नहीं है इस द्वीपको स्वादक समुद्र बेष्टित करता है। इससे आगे प्राणियो का निवास नहीं है । ( अध्याय ४ ) ।
इस भूखण्ड के नीचे दस दस हजार योजनके सात पाताल हैअतल, वितल, नितल, गभस्तिमत्, महातल, सुतल और पाताल । पातालोके नीचे बिष्णु भगवान् हजारो फनोसे युक्त शेषनागके रूप में स्थित होते हुए मुण्डको जाने सिरपर धारण करते है।
चित्र १
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जम्बू द्वीप
लवणोद २ लक्षद्वीप
इक्षु रस, ३ शाल्मल द्वीप
४१२
सुरोद
४ कुश द्वीप सर्पिस्सलिल
५ क्रौच द्वीप दधितोय
.६ शाक द्वीप
क्षीरोद
५
७ अभ्यन्तर पुष्करार्ध द्वीप
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मानुषोत्तर पर्वत
७] बाह्यार्थ पुष्करार्ध द्वीप स्वाद सलिल
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
१. लोकस्वरूपका तुलनात्मक अध्ययन
५)
(अध्याय 2) पृथिवीस और जसके नीचे रौरव कर रोष ताल, विशसन, महाज्वाल, सूकर, रुषिराम्भ, वैतरणी, इमोश कृमिभोजन, अतिपत्र मन कृष्ण, तप्तकुम्भ, लवण. लोहित, लालाभक्ष, दारुण, व्यवह णप, वह्निज्वाल, सस कामसूत्र. सन्देश, अाशिरा कालसूत्र, तमस् अवीचि, श्वभोजन, अप्रतिष्ठ, और अरुचि आदि महाभयंकर नरक है, जहाँ पापी जीव मरकर जन्म लेते है । ( अध्याय ६ ) भूमि से एक लाख योजन ऊपर जाकर एक एक लाख योजनके अन्तरालसे सूर्य,
चन्द्र व नक्षत्र मण्डल स्थित है, तथाउनके ऊपर दो-दो लाख योजनके अन्तरासे, शुक्र, मगत हस्पति शानि तथा इसके ऊपर एक एक लाख योजनके अन्तरालसे सप्तऋषि ध्रुव तारे स्थित है। इससे १ करोड योजन ऊपर महर्लोक है जहाँ कम्पों तक जीवित रहने सो मृगु आदि सिद्धगण रहते है। इससे २ करोड योजन ऊपर जहाँ महाजीके पुत्र सनकादि रहते है। आठ करोड योजन जनलोक है ऊपर तप लोक है जहाँ वैराज देव निवास करते है ।
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भू लोक
सप्त द्वीप व सप्तसागर पूर्व पूर्व की अपेक्षा उत्तरोत्तर दूना विस्तार है
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