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छोक
दिक्कुमारी देवियां
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नन्दन व सोमनस वन (दृष्टि सं० १)
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चित्र सं० - १०
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श्री भद्रा
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• नन्दन वन के बीच ३२७२ या सौमनस वन के बीच ८३५४
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प्रत्येक पुष्करिणी मे इन्द्र के क्रीडा भवन है
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/ निषेध - पुष्करिणये WWW.H
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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चित्र सं०-९० इस वन की पुष्करिणी में इन्द्र सभा की रचना
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दिक्कुमारी देविया
३. जम्बूद्वीप निर्देश
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१- द्वि० दृष्टिने बलभद्र कूट नन्दन वनमे ही है, तथा उसका विस्तार व ऊंचाई १००, १०० योजन है। २- द्वि० दृष्टिसे कुबेर आदि लोकपालोके ४ भवनोंको ४ गुफाए कहा गया है। ३- प्रथम द्वाष्टसे चैत्यालयों के कोनोंवाले
सौमस वनमे हैं और द्वि दृष्टिसे नन्दन वनमें।
४. पूर्व दिशाको आदि लेकर सोम आदि लोके ४ कूटोक नाम प्रथम दृष्टिसे क्रमश मान, धारण,
गन्धर्व व चित्र हैं, तथा द्वि० दृष्टिसे वज़, वज्रमय, स्वर्ण व स्वर्णप्रभ है ।
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