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लोक
चित्र सं०-३८
नन्दीश्वर द्वीप
दृष्टिमेव :- प्रत्येक वापीके प्रत्येक कोण पर एक एक करके चार रतिकर है। परन्तु चैत्यालय बाह्य कोणों वाले दो रतिकरों पर ही है।
बापियों के नामों में अन्तर
- (दे० लोक / ५.११)
जयंती वरुण
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अंजन गिरि
८४००० यो
१००० यो
अपराजिता
भूतानन्द
वैजयन्ती वरुण (धरण)
१६३८
भा० ३-५९
नोट - इसी प्रकार दधिमुख व रतिकर भी जानने विशेषता यह कि उनके रंग क्रमश: श्वेत व लाल हैं; तथा उनका विस्तार क्रमशः १०००० यो० व १००० पी० है ।
सुप्रभा सोम
विजया | वेणु
अशोका सोम
चम्पकवन
४६५
सर्वतोभद्र वैश्रवण
BO
रमणीया
यम
सात द्वीप
सागर
वीतशोका वैश्रवण
विरजा यम
आम्र बन
दधि
मुख
१००,००० यो०
अशोकवन
१००,००० सप्तपर्ण वन
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
रम्या वरुण
नन्दोत्तरा चमरेन्द्र
अरजा वरुण
रतिकर
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पश्चिम
४. अन्य द्वीप सागर निर्देश
उत्तर
STONE
दक्षिण
नन्दिघोषा वैरोचन
५०,००० यो०
Bergst
पूर्व
५०,००० यो०
४ अंजन गिरि ६ समुद्र ७ द्वीप
वन में देवों के आवास
नन्दावापी • सौधर्मइन्द्र
CHAN वापियों के अंतराल नन्दवती ९=६५५४५ यो. एशान २=२२३६६१ यो०
१६ वापी
६४ वन 4 १६ दधिमुख। ३२ रतिकर
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