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४. अन्य द्वीप सागर निर्देश
लोक चित्र सं०-४१ रुचकवर पर्वत व द्वीप
दृष्टि नं.२
दृष्टिमेव -कूटो व देवियोके नामोमे अन्तर। -(दे० लोक/५.१३)
वायव्य
पश्चिप-M- पूर्व
काचन कट
वारुणी देवी
रजत कुट आशा देवी
दाक्षिण
अजन कुट Aammपुण्डरीकिणी देवी
रुचिर कूट श्री देवी
स्फटिक कट
तीर्थकरोकजन्म कल्याण
धारण
साटात
सौदामिनी देवी
- देविया ताकी सवा करनाली
HTA
मद्रा देवी भद्रकूट
यशस्वी देवी यश कट
वैडूर्य कुट रुचेका देवी
वैड कट विजया देवी
क
१450
नवमिका देवी सौमनस कुट
मणिभद्र कट
रुचकात्तमकुट स्वकोत्तमा देवी रलाञ्जय कट अपराजिता देवी
विजया देवी
कावन कुट वैजयन्ती देवी
कनकाचा देती
नाकानना देवी
कुमुद कट
स्वयप्रम कट
भारीधारण
कनक कूट जयन्ती देवी
अरिष्ट कूट अपराजिलो देवी
(१२ द्वीप
पद्मावती देवी नलिन कूद
धारणा
मादिस्वस्तिक कुर Faनन्दा देवी
१२सागर
कनका देवी
विमल कुट
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पृथिवी देवी पदा कूद
नन्दन कुद नन्दोत्तरी देवी
अभ्यन्तरार्ध रुचकवर द्वीप
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खजन कट आनन्दा देवी
सुरा देवी जगत्कुसुम कूद
शवरत्न कूट
स्वकान्तो देव
रत्न कट ।
वैजयन्ती देवी खप्रभा कुट रुचकामादेवी रुचककट
अजनमूल कट नन्दिवना देवी
लोहितान कूट
शतपद दे
रुचकवर पवत
EATIत्यालो
वाह्यार्थ रुचकवर द्वीप '
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वसुन्धरा देवी
AVवन्द्र कूट
कीर्तिमति देवी स्चकोत्तर कट
कालक्ष्मीवती देवी भरुचककर
४२०००धोका
यशोधरा देवी बिमल कर
कामन्दर कूट
सुप्रबुदा देवी
IAसुप्रवृध्द कुट
सुप्रणिधि देवी
(सुस्थिता देवी अमोघकट
'000 या
रुचकबर पर्वत
विस्तार सम्बन्धी दधिभेद-(दे-लोक/६५५)
दिग्गजेन्द्र कट
२००० यो
नन्द्यावर्त कर पदोत्तर दिग्गजेन्द्र भस्वस्तिक कूट 8 सभद्र दिग्गजेन्द्र
श्रीवृक्ष कट नील दिग्गेजेन्द्र ४ बर्द्धमान र
अजनगिरि दिग्गजेन्द्र दिशा उद्योतकारी देवियों के ४ कूट तीर्थकरके जातका कारी देवियोके कट 1
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोथ
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