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लोक
चित्र सं.-४०
रुचकवर पर्वत व द्वीप
दृष्टिभेव - विदिशाओं वाले सिद्धायतन कूटोको कोई आचार्य मानते है। और कोई नहीं ।
कूटो व देवियो के नामो मे अन्तर । (दे० लोक / ५१३)
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सुरा
बाह्यार्थ रुचकवर द्वीप
• ४२००० पो
रुचकचर पर्वत
छत्र धारण
१००० पी.
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कल
·How
राज्योत्तम कूट रुचकप्रभा देवी
Willem रुचकवर पर्वत
विस्तारसम्बन्धी दृष्टिभेद (दे०लोक /६५५
४६८
चवर धारण करती है
नित्योद्योत कूट सौदामिनी देवी ड कूट
रुचका देवी
[१२] दीप
१२ सागर
अभ्यन्तरार्ध स्वकवर द्वीप
ए
दृष्टि स-१
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समाहार
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सर्वरत्न कूट
करनेवाली
- तीर्थकरोके जन्म कल्याणकपर
जातकर्म
त कूट
देवी
嘲
इच्छा देवी स्फटिक कूट
←
तीथकरोके जन्म कल्याणकपर
तीर्थकरोके जन्म कल्याणकपर दिशाये निर्मल करनेवाली
भगवान्का
देविमा
४. अन्य द्वीप सागर निर्देश
चायव्य
• माताकी सेवा करनेवाली देविया
रुचक रुचक कीर्तिं दे
पश्चिम
उत्तर
*
दक्षिण
नैऋत्य
काचन कूट
वैजयन्ती देवी तपन कूट जयन्ती देवी
री धारण
ईशान
अजन कुट
स्वस्तिक कुट अपराजिता देवी सुभद्र कूट नन्दा देवी
अजनमूल कुट नन्दवती देवी
देव
वज्र कूट नन्दिषणा देवी
पूर्व
- आग्नेय
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