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६. द्वीप क्षेत्र पर्वत आदिका विस्तार
लोक ५. शेष द्वीपोंके पर्वतों व कूटोंका विस्तार१. धातकीखण्डके पर्वत
नाम
ऊँचाई
लम्बाई
विस्तार
ति. प/ ४/गा,
रा. वा./३/३३/ वा/पृ/प.
ह पु/ | त्रि सा./ /गा. | गा.
ज प / अ./गा.
२५४४-२५४६
/११/२०
४६७ ५०६
पर्वतोके विस्तार व ऊँचाई सम्बन्धी सामान्य नियमकुलाचल ( जम्बूद्वीपवत स्वदीपवत् जम्बूद्वीपसे दूना विजया
निम्नोक्त वक्षार गजदन्त दृष्टि स०१ दृष्टि सं.२
जम्बुद्वोपवत् उपरोक्त सर्व पर्वत
जम्बूद्वीपसे दूना वृषभगिरि
| जम्बूद्वीपवत यमक कोचन दिग्गजेन्द्र
२५४७
विस्तार
दक्षिण उत्तर । पूर्व पश्चिम ४०० यो. स्वद्वीपबत
१००० यो. जम्बूद्वीपवत जम्बूद्वीपसे दूना | स्वक्षेत्रवव
२५३३ । ६।१६५/२६ । ४६५ २६८७+ उपरोक्त सामान्य नियमवत
१२५
इष्वाकार विजया
। ११/४
जम्बूद्वीपवत निम्नोक्त
जम्बूद्वीपमे दूना
४०८+ उपरोक्त सामान्य नियमवत
वक्षार गजदन्तअभ्यन्तर बाह्य
२५६१ २५६२
XX
सुमेरु पर्वत
२५६२२७ ५६१२५७
विस्तार गहराई
। मूल | मध्य ऊपर ८४००० । १००० ४००० दे लोक | १०००
पृथिवीपर
२५७७ पाश
६/१६/२८
।
११/१८
पातालमें
दृष्टि स १ की अपेक्षा विस्तार-१०,००० " ,२,,
, -६५०० → जम्बूद्वीपके मेरुवत्
चूलिका
२५८३
-na
दक्षिण उत्तर विस्तार
ति,पा
नाम
ऊँचाई व चौडाई
___
आदिम
मध्यम
अन्तिम
४/गा.
५१९२१६३४३ ५३८७४५३१२ ५५८२७४३७३ ५७७८०३३१३
दोनो बाह्य विदेहोके वक्षार - चित्र व देवमाल कूट नलिन व नागकूट पद्म व सूर्यकूट एकशैल व चन्द्रनाग दोनो अभ्यन्तर विदेहोके वक्षार श्रद्धावान व आत्माजन अंजन व विजयवान् आशीविष व वैश्रवण सुखावह व त्रिकूट
५१८७३८३९१३ ५३८२६८ ५५७७९७२१२३ ५७७३२६३३२
५१९६९३३९३ | ५३९२२२३२३ ५५८७५१३३३ ५७८२८०३४६
२६३२ २६४० २६४८
दे० पूर्वोक्त सामान्य नियम
२६५६
त्रि सा/१३१-६३३
२६७२
२८५४५५३१६ २८४९७८३३३ २८४५०१०३ २६५९२६३६३ २६५४४९३२
२६४९७२६६३ २६८० २४६३९७१७३ २४५९ः०११३
२६८८ २२६८६८१६३ । २२६३९१११३ २२५९१४१३ - २६९६
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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