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लोक
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चित्र सं० - ३६
| वेलम्ब देव
रजत कूट मानसदेव
कनक कूट वैावण देव अजनमूल सिद्धार्थ देव
'अम्यन्तर पुष्करार्ध
की ओर
कुर
indiap
सर्वरल
४२४ यो०
- ७२३ यो
૪૬૪
मानुषोत्तर पर्वत
दृष्टिभेद:- २२ की बजाय २० कूट हैं। नैऋत्य व वायव्य दिशा वाले कूट नहीं हैं।
स्फटिक्कूट अंक कूट प्रवालकूट सुदर्शन देव मेघदेव सुप्रबुद्ध देव
१०२२ यो० → (४३० यो० १ को ग
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कालोद
धातकी
अदाई
खण्ड
अभ्यन्तर पुष्करार्ध
अंजन अशनि लोहित रूचक कूट देव नन्दो मन्ददेव ह्या पुष्कर द्वीप
बाह्य पुष्करार्ध की ओर
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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४. अन्य द्वीप सागर निर्देश
वायव्य
पश्चिम
प्रभंजन कूट
वेणुधारी देव
उत्तर
वेणु देव रत्न कूट
दक्षिण
वज्रकूट हनुमान देव
ईशान
• पूर्व
आग्नेय
कूट यशस्वान देव
अगस्ट
सौगन्धी कट देव
|पनीय कूट देव
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