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४. अन्य द्वीप सागर निर्देश
लोक
४६१
चित्र सं०-३५
लवण सागर दृष्टि भेद-सूर्य व चन्द्र द्वीपोको कोई आचार्य
मानते है और कोई नहीं नोट-सागर के ऊपर आकाशमे वेलन्धर
देवो की नगरिया हे
पश्चिम
दक्षिण
-आग्नेय
४
नि मुख
गूग दर्शन
मुख धूक गुल
शादल मुख विद्यत अप इरिन
मागध वरतनु प्रभासदीप
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२५ जघन्य पाताल ०००००००००
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१२५ जघन्य पाताल
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पाताल.००००
मागधः वरतनु प्रभासद 166001
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२५ जघन्य पाताल
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कदम्ब
मानुष द्वीपों का विस्तार व तटसे उनका अन्तराल
ति १०४/०४८ लोक दिमाग বিনা। সবম্বিসন
यो यो यो यो
उदफवास
कुमानुष द्वीप
प्रमास वरतन मागधदाम
उत्कृष्ट पाताल
च्छरान
मेव ख मत्स
मध्यमपाताल
१००/५००/१००/५००
५५०
कुमानुष द्वीपोका अवस्थान क्रम - दोनो तटोपर तटसे उक्त अन्तराल छोडकर चार चार द्वीप चारो दिशाओमे, चार चार विदिशाओमे, आठ आठ अन्तर-दिशाओमे, और आठ आठ . विजयार्थी तथा हिमवान व शिखरी पर्वतोके प्रणिधि भागोमे स्थित है।
विशेष दे चित्र स. १३ तथा लोक/४.१
PO जघन्य पाताल
चन्द्रदीप
सूर्य द्वीप A पर्वत
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