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IRST
Member of Parliament
(Lok Sabha)
बी-१११५३, पश्चिम बिहार,
नई दिल्ली १-६.८६
बावजयते
आपके पत्र द्वारा यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि दिगम्बर सन्त आचार्यरत्न श्री देशभूणष जी महाराज ने अपनी साधना के फाल्गुन पूर्णिमा दिनांक २६ मार्च, १९८६ को इक्यावन वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज साधना एवं तपस्या की महान् विभूति हैं जिनकी सप्रेरणा से भारतीय धर्म संस्था को स्वस्थ एवं मानवीय मूल्य प्राप्त हुए हैं। मैं आशा करता हूँ कि आचार्यश्री अपनी दिव्य एवं सारस्वत वाणी से दीर्घ काल तक धर्मप्रभावना करते हुए देश का उपकार करते रहेंगे। जैन समाज ने इन महान् तपस्वी के कर-कमलों में आस्था और चिन्तन नामक अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित करने का जो संकल्प किया है मैं उस अनुष्ठान के प्रति अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ अर्पित करता हूँ।
भारत सिंह
सी० २/६७, मोती बाग-१
Member of Parliament
(Lok Sabha)
वामान
आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ समिति ने आचार्यरत्न की तपसाधना के ५१ वर्ष पूरे होने पर एक अभिनन्दन ग्रन्थ 'आस्था और चिन्तन' शीर्षक से आचार्यरत्न को समर्पित करने का निश्चय किया है । यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई । मैं अपनी शुभकामनाएं इस समिति को देता हूँ।
डॉ. मनोज पाण्डेय
आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन पन्थ
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